एचआईवी/एड्स पर संयुक्तराष्ट्र की उच्चस्तरीय बैठक
चालीस साल पहले इसी सप्ताह, सीडीसी की साप्ताहिक मृत्यु दर और रुग्णता रिपोर्ट में उन पांच युवकों के मामलों पर एक संक्षिप्त लेख भी शामिल था, जिनका लॉस...
चालीस साल पहले इसी सप्ताह, सीडीसी की साप्ताहिक मृत्यु दर और रुग्णता रिपोर्ट में उन पांच युवकों के मामलों पर एक संक्षिप्त लेख भी शामिल था, जिनका लॉस...
चालीस साल पहले इसी सप्ताह, सीडीसी की साप्ताहिक मृत्यु दर और रुग्णता रिपोर्ट में उन पांच युवकों के मामलों पर एक संक्षिप्त लेख भी शामिल था, जिनका लॉस एंजिल्स में निमोनिया के एक नए प्रकार के रूप में वर्णित रोग के लिए इलाज किया गया था। रिपोर्ट प्रकाशित होने तक उनमें से दो की मौत हो गई थी; शेष तीन भी शीघ्र ही चल बसे।
प्रकाशन के बाद, उसी तरह के मामलों की ख़बरें न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और अमेरिका के अन्य शहरों से भी आईं। उस समय ज्ञात नहीं था, लेकिन ये उस बारे में पहली आधिकारिक रिपोर्टें थीं जिसे कि बाद में एड्स के रूप में जाना गया।
उसके बाद से, दुनिया भर में अनुमानित 32.7 मिलियन लोग एड्स संबंधी रुग्णता के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें अमेरिका के 700,000 लोग शामिल हैं। यह मौत का शिकार बने लोगों की एक बड़ी संख्या है। इनमें से प्रत्येक व्यक्ति के अपने प्रियजन, मित्र और समुदाय थे जो उनकी मौत पर शोकाकुल हुए।
लेकिन जैसा कि हमें पता है, आज 38 मिलियन से अधिक लोग एचआईवी पीड़ित हैं, जिनमें से 1.2 मिलियन अमेरिका में हैं। वे हमारे सहकर्मी, हमारे पड़ोसी, हमारे सहयोगी और परिजन हैं; सभी उम्र, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता के लोग। और याना पैनफ़िलोवा, जिन्हें हमने उद्घाटन सत्र में सुना, जैसी तमाम साहसिक नेताओं के प्रयासों के कारण, इनमें से बहुत कम लोगों को लगता है कि उन्हें अपनी रुग्णता को छिपाने की ज़रूरत है।
हमें इस महामारी के प्रवाह को मोड़ने के लिए अमेरिका और दुनिया भर के साझेदारों के साथ मिलकर किए काम पर गर्व है।
राष्ट्रपति बुश द्वारा 2003 में एड्स राहत के लिए राष्ट्रपति की आपातकालीन योजना, पेपफ़ार, की शुरुआत के बाद से हमने इन प्रयासों में 85 बिलियन से अधिक का निवेश किया है; 20 मिलियन लोगों की जान बचाने में मदद की है; लाखों एचआईवी संक्रमणों को रोका है; और 54 देशों में स्थानीय स्वास्थ्य तंत्रों को मज़बूत किया है।
अमेरिकी विदेश नीति के इतिहास में कुछ ही पहलक़दमियों ने इतने सारे लोगों की मदद के लिए इतना कुछ किया है; यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए हमारे सर्वाधिक गौरवशाली योगदानों में से एक है।
ये निवेश इबोला, एच1एन1 और अन्य घातक बीमारियों को अनियंत्रित होने से रोकने में भी मददगार रहे हैं। और ये कोविड-19 के खिलाफ़ जारी लड़ाई के लिए भी महत्वपूर्ण रहे हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, हमने सरकारों और बहुपक्षीय संस्थानों के साथ-साथ समर्थकों, वैज्ञानिकों, समुदाय-आधारित संगठनों, व्यवसायों, डॉक्टरों और शिक्षकों के साथ मिलकर काम करके ये प्रगति हासिल की है।
लेकिन उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, हमारा काम पूरा नहीं हुआ है। दीर्घकालिक असमानताएं इस महामारी के उन्मूलन की राह में बाधक बनी हुई हैं। दुनिया भर में तथा हमारे देशों और समुदायों के भीतर असमानताएं हैं; सामाजिक, आर्थिक, नस्लीय और लैंगिक आधार वाली असमानताएं। ये सारी असमानताएं कोविड-19 के कारण और गंभीर हो गई है।
यदि हम इन कमियों से पार पाने में विफल रहे, तो लाखों अन्य लोग एचआईवी संक्रमित होंगे, और पहले से ही एचआईवी पीड़ित लोगों में से लाखों की मौत हो जाएगी।
एड्स को ख़त्म करना हमारे लिए संभव है। लेकिन हम इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकेंगे यदि हम लोगों को उनके यौन और प्रजनन अधिकारों से वंचित रखते हैं, या एचआईवी के सामने सबसे कमज़ोर लोगों के खिलाफ़ भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।
इसका मतलब है हमें सभी के लिए एचआईवी सेवाओं की समान उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी, विशेष रूप से इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित आबादी: एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय, ड्रग्स का उपयोग करने वाले लोग, यौनकर्मी, नस्लीय और जातीय अल्पसंख्यक, महिलाएं एवं बालिकाएं।
क़ानून, नीतियां और प्रथाएं जो इन लोगों के लिए ज़रूरी सेवाओं की उपलब्धता में बाधक बनती हैं, केवल कलंक को बढ़ाने और अधिक ज़िंदगियों को जोखिम में डालने का ही काम करती हैं। और ये संयुक्तराष्ट्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ़ हैं।
आज, हम अपने साथी सदस्य राष्ट्रों का आह्वान करते हैं कि वे अमेरिका के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करने के लिए काम करें कि गुणवत्तापूर्ण एचआईवी सेवाएं सबके लिए समान रूप से उपलब्ध हों, चाहे उनकी पहचान जो भी हो या वे जिस किसी से भी प्रेम करते हों।
हमने पहले पांच मामले सामने आने के बाद गत 40 वर्षों में साथ मिलकर बड़ी प्रगति की है। आइए इस प्रगति को आगे बढ़ाते हुए, ज़रूरतमंदों तक पहुंचने के लिए दोबारा संकल्प लें, और हर जगह हर किसी के लिए एचआईवी महामारी को समाप्त करें।