चीन में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने भारत की बढ़ाई चिंता

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चीन में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने भारत की बढ़ाई चिंता




चीन में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामले भारत के लिए चिंता बढ़ा दिया हैं। बीते कुछ दिनों से इसकी चर्चा जोरों पर हैं। वायरस का प्रकोप अब तक के तेज रफ्तार में है। वहा के स्वास्थ विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ ही महीनों में 80 करोड़ लोग से अधिक संक्रमित हो सकते हैं।

इसके के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए संभावत: ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BF.7 जिम्मेदार है।

भारत में बुधवार को इसी तरह के तीन मामले पाए गए। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, गुजरात के स्वास्थ्य विभाग ने बताया है। जिन दो लोगों में ये सबवेरिएंट पाया गया था। जोकि वो अब ठीक हो चुके हैं।

भारत सरकार ने 21 दिसंबर 2022 यानी की बुधवार से पिछली साल की तरह एक बार फिर आने वाले यात्रियों का एयरपोर्ट पर रैंडम कोरोना टेस्ट शुरु कर दिया है। चीन में वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ये फैसला लिया गया हैं।

चीन में बढते कोरोना संक्रमण भारत के लिए चिंता का विषय है? क्या इससे निपटने के लिए भारत तैयार हैं?

जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन के दोनों खुराक के साथ बूस्टर डोज़ भी ले चुके हैं। क्या वो कोरोना वायरस की आने वाली किसी लहर से सुरक्षित रहेंगे?

एम्स, नई दिल्ली के पूर्व दीन प्रोफ़ेसर एनके मेहरा के ही शब्दों में जानते हैं। उन्हों ने क्या कहा:–

भारत के लिए इतना खतरा नहीं है क्योंकि भारत में बड़ी तादात में लोगों को ये संक्रमण हो चुका हैं। चीन में पहले से ही जीरो कोविड पॉलिसी रही है। उन्होने लोगों को बाहर ही नहीं आने दिया। हमारे यहां ओमिक्रोन के समय खास कर बहुत बड़ी संख्या में लोगों को ये संक्रमण हो गया हैं।

ये नैचुरल इन्फ़ेक्शन बहुत अच्छा होता है. ये लंबे समय तक इम्युनिटी को बनाए रखता है और अगर आपने वैक्सीन भी ली हो तो नैचुरल इम्युनिटी के साथ वैक्सीन इम्युनिटी जुड़ जाती है.

भारत में बड़ी संख्या में लोगों को नैचुरल इन्फेक्शन हुआ था। उनमे से कई बिना लक्षण मामले हैं। वही बहुत सारे लोगों ने नैचुरल इन्फेक्शन के साथ वैक्सीन भी ली थीं। भारत में अधिकतर लोगों ने दो डोज तो ले लिया है।

सलाह

जिन लोगों का ट्रांसप्लांट हुआ है, कैंसर के मरीज, डायबिटीस हैं या किसी अन्य आटो इम्यून बीमारी से पीड़ित हैं या बुजुर्ग हैं। ऐसे लोगों को सुझाव है कि जब भी बाहर जाए और बंद जगह पर जाए तो मास्क आवश्य पहन कर जाए। दूसरा व्यक्ति पहना हो या न पहना हो ..........आप मास्क पहन के ही रखे।

ओमिक्रॉन जिन लोगों को भी हुआ है। उन्हें कोई बहुत परेशानी नहीं हुई, लेकिन अगर इन्फ़ेक्शन बढ़ना शुरू होगा तो हो सकता है कि उससे बुज़ुर्गो को कठिनाई हो।

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