मेरठ में कोरोना के बाद बढ़ा ब्लैक फंगस का खतरा, 250 से ज्यादा मरीज तथा 18 लोगो की मृत्यु की गई दर्ज....

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मेरठ में कोरोना के बाद बढ़ा ब्लैक फंगस का खतरा, 250 से ज्यादा मरीज तथा 18 लोगो की मृत्यु की गई दर्ज....


कोरोनावायरस के संक्रमण के कम होने के बाद पूरे देश में लगातार ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। जिसको लेकर की सरकार ने भी तैयारियां तथा अस्पताल में बिस्तर की संख्या बढ़ानी शुरू कर दी है। आपको बता दें चिकित्सीय विशेषज्ञ द्वारा बताया गया है की पहले ब्लैक फंगस मरीजों के दिमाग तक पहुंचकर उसको नुकसान पहुंचा रहा था, लेकिन अब ये मरीज की किडनी पर भी असर डाल रहा है। ब्लैक फंगस के मरीजों को दिया जाने वाला इंजेक्शन से मरीज की क्रिएटिनिन, सीरम पोटेशियम और मैग्नीशियम बढ़ रही है, जो कि सीधा किडनी पर असर डाल रही है।

गौरतलब है कि ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों को एंबिसोम यानि लाइपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन दिया जाता है। ये इंजेक्शन किडनी पर तेजी से असर करते हैं, जो कि किडनी को घातक स्तर पर नुकसान पहुंचा रहा है। बता दें कि ब्लैक फंगस के मरीजों को लेकर चिकित्सकों ने इसे लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। इजेक्शन देने के बाद ब्लैक फंगस के मरीजों को किडनी रोग विशेषज्ञ की देखरेख में रखा जा रहा है।

मेरठ जिले में लगातार इस संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है जिससे कि स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंताएं और बढ़ गई हैं। स्वास्थ विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के मुताबिक मेरठ में 250 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 18 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज में 125 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। ब्लैक फंगस से पीड़ित करीब 40 से अधिक मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका हैं। डॉ. राहुल भार्गव बताते हैं कि ब्लैक फंगस का संक्रमण जब दिमाग और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है तो इसका इलाज ऑपरेशन और एंबिसोम यानि लाइपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन ही संभव है।

विशेषज्ञों द्वारा बताया गया है कि इस संक्रमण से संक्रमित मरीज को 1 दिन में 6 इंजेक्शन दिए जाते हैं, और एक इंजेक्शन में 50 मिलीग्राम उक्त लिक्विड होता है। ऐसे में प्रतिदिन 300 एमएल डोज दी जाती है। आपको बता दें कि ये इंजेक्शन चार से छह सप्ताह तक लगातार चलते हैं। यह शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा देते हैं। यूरिक एसिड अगर बढ़ा होता है तो यह इंजेक्शन रोक दिए जाते हैं। ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सक बेहद सावधानी बरत कर इंजेक्शन दे रहे हैं। जरा सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है।

नेहा शाह

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