कोरोना अध्ययन में सामने आया अब तक का सबसे बड़ा खुलासा
पिछले एक साल से कोरोना महामारी ने कोहराम मचा रखा है पूरा देश इससे बचने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस महामारी की...
पिछले एक साल से कोरोना महामारी ने कोहराम मचा रखा है पूरा देश इससे बचने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस महामारी की...
पिछले एक साल से कोरोना महामारी ने कोहराम मचा रखा है पूरा देश इससे बचने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर के दौरान जहां संक्रमित होने की आशंका आठ गुना अधिक और सामान्य आबादी की तुलना में संक्रमित होने के बाद मरने की आशंका पांच गुना अधिक हो गई थी। जिसको देखते हुए लोगों को बीमारी से बचाव की सलाह दी गई। लेकिन हाल ही में हुए अध्ययन में सामने आया है कि मध्यम जोखिम वाले लोगों में कोविड-19 होने की आशंका चार गुना अधिक थी और कम जोखिम वाले समूह की तुलना में संक्रमण के बाद मरने की आशंका पांच गुना अधिक थी।
इतना ही नहीं अध्ययन में ये भी कहा गया है कि 'बचाव रणनीति के बावजूद, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों में मृत्यु का खतरा बढ़ गया था। साथ ही जनसंख्या रणनीति के रूप में प्रभावी होने के कारण रक्षा मानदंडों को व्यापक रूप से विस्तार देने की आवश्यकता होगी और इसके लिए हम इसमें बुजुर्गों जैसे अन्य पैमानों को शामिल कर सकते है।'