सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा, भारत खुद के लिए और गरीब देशों के लिए के लिए भी बनाएगा कोरोना वैक्सीन।

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सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा, भारत खुद के लिए और गरीब देशों के लिए के लिए भी बनाएगा कोरोना वैक्सीन।


हाल में एक समाचार में एक बात सामने आयी की भारत में 1.38 बिलियन लोगो को टीकाकरण करने के लिए कई चुनौतियां सामने आएगी साथ ही अगर वे वैक्सीन किसी अन्य देश में निर्मित होते है उसकी लागत भी बढ़ जायेगी।

ऐसे में एक राहत भरी खबर यह है कि सीरम इंस्टिट्यूट अब भारत के लिए दोगुनी मात्रा में कोरोना वैक्सीन बनाएगा। कंपनी ने एक ट्वीट में कहा कि अब उसने 10 करोड़ की जगह 20 करोड़ वैक्सीन डोज तैयार करेगा।

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ट्वीट किया, 'अगस्त में हमने अपने वैश्विक सहयोगियों के साथ 10 करोड़ डोज डिलीवर करने की घोषणा की थी, लेकिन अब हम कोविड-19 के सुरक्षित एवं प्रभावी 10 करोड़ डोज का अतिरिक्त उत्पादन करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।' कंपनी ने कहा कि सबकुछ ठीक रहा तो 2021 के पूर्वार्ध (जून महीने तक) वैक्सीन की डिलीवरी शुरू हो जाएगी।

दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी ने इस संबंध में एक बयान भी जारी किया है। उसने कहा कि भारत के साथ-साथ दुनिया के कम और मध्य आय वाले देशों के लिए 10 करोड़ डोज तैयार करने की प्लानिंग बदल गई और अब 20 करोड़ डोज तैयार किए जाने का फैसला हुआ है। कंपनी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन बनाकर इसकी डिलीवरी करने के लिए उसका गावी और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ करार हुआ है।

कंपनी ने कहा कि इसकी लागत के लिए उसे सहयोगियों से फंडिंग मिल रही है। अब वैक्सीन को जैसे ही रेग्युलेटरी अप्रूवल मिलेगा और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी अपनी हरी झंडी दे देगा, वैक्सीन की डिलीवरी अगले साल जून आते-आते शुरू हो जाएगी।

ध्यान रहे कि हाल ही में दो दिन पहले 26 सितंबर को ही सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर पूछा था कि क्या पर्याप्त कोरोना वैक्सीन खरीदने के लिए अगले साल तक भारत सरकार के पास 80 हजार करोड़ रुपये होंगे? उन्होंने तब कहा था कि 80 हजार करोड़ रुपये में हर भारतीय के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।

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