प्रेग्नेंसी से बचने के लिए अबॉर्शन पिल लेना कितना सही ये जानने के बाद कोई कदम उठाएं
जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम गलती से किसी से प्रेग्नेंट हो जाते हैं ऐसे में अनचाही प्रेग्नेंसी का डर सताने लगता है. तब कुछ लोग आसान रास्ता...
जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम गलती से किसी से प्रेग्नेंट हो जाते हैं ऐसे में अनचाही प्रेग्नेंसी का डर सताने लगता है. तब कुछ लोग आसान रास्ता...
जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम गलती से किसी से प्रेग्नेंट हो जाते हैं ऐसे में अनचाही प्रेग्नेंसी का डर सताने लगता है. तब कुछ लोग आसान रास्ता निकालने के लिए अबॉर्शन पिल्स का सहारा लेते हैं. लेकिन क्या ये वाकई में सुरक्षित है स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अबौर्शन या गर्भपात न केवल आप को शारीरिक रूप से बल्कि भावनात्मक तौर पर भी तोड़ कर रख देता है. गर्भपात कराने वाली दवाएं आसानी से मैडिकल स्टोर्स पर मिल जाती हैं और ज्यादतर लोग इसे बिना किसी डॉक्टर की सलाह के खा लेती हैं.
उसके बाद इसका प्रभाव उनके स्वस्थ्या पर बहुत ही बुरा पड़ता है आइए जानते हैं यहां अधिक खुन बहना अबॉर्शन पिल लेने से कई बार अधिक खून बहने लगता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये गर्भाशय की परतों को नुकसान पहुंचा देती है और भीतरी रक्त वाहिकाओं को तोड़ देती है.अधिक खून बहने से हमारा शरीर कमजोर हो जाता है और एनीमिया जैसी समस्या होने लगती है. अनियमित रक्तस्राव से रक्त की कमी और बेचैनी की स्थिति भी पैदा हो सकती है.
इसलिए बिना डॉक्टर के परामर्श के कभी भी अबॉर्शन पिल नहीं लेनी चाहिए. संक्रमण का खतरा अबॉर्शन पिल का इस्तेमाल खतरनाक संक्रमण का कारण भी बन सकता है. अगर अबॉर्शन के दौरान साफ-सफाई और सही तरीके से ध्यान न रखा जाए, तो यह योनि संक्रमण, पेल्विक इंफेक्शन और सेप्टिक एबॉर्शन जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है. ये बहुत ही गंभीर समस्याएं होती हैं जो पीड़ा और जटिलताएं पैदा कर सकती हैं. इनसे गर्भाशय, अंडाशय व योनि क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।.भविष्य में महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.
इसलिए सुरक्षित तरीके से ही अबॉर्शन कराना चाहिए. मानसिक तनावअबॉर्शन यानी गर्भपात सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्तर पर भी काफी नुकसानदायक हो सकता है. गर्भपात कोई आसान फैसला नहीं होता. अक्सर इसके बाद महिलाओं को तनाव, अवसाद और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है. कई बार तो पीडि़त व्यक्ति डिप्रेशन का भी शिकार हो जाता है . इसलिए अगर कभी गर्भपात कराने की आवश्यकता पड़े, तो पेशेवर मदद जरूर लें. कोशिश करना चाहिए की गर्भपात से जितना हो सके बचा जाए.