सुख-चैन छीन सकती है स्मार्टफोन की लत, शरीर बन जाएगा बीमारियों का घर
जिस तरह स्मार्टफोन में हम दिन-रात खोए हैं, उससे सेहत को गंभीर और खतरनाक नुकसान पहुंच रहा है. कई रिसर्च में पता चला है कि लगातार फोन का इस्तेमाल या...
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जिस तरह स्मार्टफोन में हम दिन-रात खोए हैं, उससे सेहत को गंभीर और खतरनाक नुकसान पहुंच रहा है. कई रिसर्च में पता चला है कि लगातार फोन का इस्तेमाल या...
जिस तरह स्मार्टफोन में हम दिन-रात खोए हैं, उससे सेहत को गंभीर और खतरनाक नुकसान पहुंच रहा है. कई रिसर्च में पता चला है कि लगातार फोन का इस्तेमाल या मोबाइल फोन के बिना एक पल भी न रह पाना नोमोफोबिया नाम की बीमारी हो सकती है. यह इतना खतरनाक है कि शरीर को बीमारियों का घर बना सकता है. नामोफोबिया स्मार्टफोन की लत को कहते हैं. दुनियाभर में हुए एक सर्वे में 84त्न स्मार्टफोन यूजर्स ने माना कि वे अपने फोन के बिना एक दिन भी नहीं गुजार सकते हैं. नोमोफोबिया का निगेटिव असर शारीरिक और मानसिक दोनों सेहत पर होती है.
जानिए इसकी वजह से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं...नामोफोबिया की वजह से होने वाली बीमारियां1. बैक बोन पर असरयूनाइटेड कायरोप्रेक्टिक एसोसिएशन के अनुसार, लगातार फोन चलाने से कंधे और गर्दन झुक जाते हैं, जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी पर बुरा असर पड़ता है.2. फेफड़ों की समस्यालगातार फोन चलाने से गर्दन झुक जातीहै, जिसकी वजह से शरीर को पूरी या गहरी सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इसका फेफड़ों की सेहत पर असर पड़ता है.3. टेक्स्ट नेक की प्रॉब्लम फोन की स्क्रीन पर लगातार नजरें गड़ाए रखने से गर्दन के दर्द होने लगती है.
जिसे टेक्स्ट नेक कहते हैं. लगातार टेक्स्ट मैसेज भेजने और वेब ब्राउजिंग करने वालों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है.4. कंप्यूटर विजन सिंड्रोम अमेरिकी विजन काउंसिल के सर्वे में पाया गया है कि 70त्न लोग स्मार्टफोन की स्क्रीन देखते समय अपनी आंखें सिकोड़ते हैं, जो आगे चलकर कंप्यूटर विजन सिंड्रोम बन जाता है. इसमें आंखों में सूजन और धुंधला नजर आने की समस्या होती है.5. किडनी फेल हो सकती हैएक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में करीब 75त्न लोग अपना स्मार्टफोन बाथरूम में लेकर जाते हैं. जिससे हर 6 में से 1 फोन पर ई-कोलाई बैक्टीरिया मिल सकते हैं. इस बैक्टीरिया से डायरिया फैलने और किडनी फेल होने की आशंका रहती है.6. नींद की समस्यादो घंटे तक अगर फेस के सामने स्मार्टफोन की रोशनी पड़ती है तो 22त्न तक मेलाटोनिन कम हो जाता है.
जिससे नींद की समस्या शुरू हो जाती है. एक सर्वे में पाया गया है कि स्मार्टफोन के लत की वजह से 12 प्रतिशत लोगों की पर्सनल लाइफ प्रभावित हुई है.7. कॉन्फिडेंस कम होनाएक सर्वे में 41 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने माना है कि किसी के सामने बेवकूफ लगने से बचने के लिए वे स्मार्टफोन चलाते रहते हैं. ऐसा करने से उनका कॉन्फिडेंस कम हो सकता है. इसलिए इससे बचना चाहिए.8. बढ़ सकती है चिंताएक सर्वे में 45 प्रतिशत स्मार्टफोन यूजर्स ने माना है कि उन्हें फोन खोने या बाकी चीजों की चिंता सताती रहती है. जिससे पता चलता है कि फोन स्ट्रेस को भी बढ़ाने का काम करत रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जरुरत से ज्यादा फोन का इस्तेमाल फैमिली और फ्रेंड्स से दूर कर सकता है. इससे सामाजिक छवि भी बिगड़ सकती है.