साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था "ढाई आखर" का गठन किया गया, प्रतिमाह एक गोष्ठी आयोजित करने का निर्णय

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साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था ढाई आखर का गठन किया गया, प्रतिमाह एक गोष्ठी आयोजित करने का निर्णय

ल दिनांक 31.10.2021को महेश नगर कालोनी, सामने घाट पर एक साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था "ढाई आखर" का गठन किया गया। डॉ हरिराम द्विवेदी की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस गोष्ठी में कार्यकारिणी का विधिवत गठन करते हुए प्रतिमाह एक गोष्ठी आयोजित करने का निर्णय हुआ।

इस अवसर पर अलवर, राजस्थान से आए वरिष्ठ कवि विनय मिश्र ने संस्था के नाम को बनारस की कबीरी परम्परा से जोड़ते हुए कहा कि 'ढाई आखर' परंपराबोधी भी है और सार्वभौमिक जीवन मूल्य भी क्योंकि प्रेम की जरूरत सबको है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विदुषी कवयित्री डॉ मंजरी पांडेय, गोरखपुर से पधारे युवा कवि सत्यशील राम त्रिपाठी, वरिष्ठ कवयित्री प्रतिभा प्रभा और डॉ सत्यप्रकाश पाण्डेय ने नवगठित कार्यकारिणी के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं।




अंत में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें विशिष्ट अतिथि और वरिष्ठ कवि जयप्रकाश मिश्र ने अपने समय और देशकाल से जुड़ी एक सामयिक और महत्वपूर्ण कविता का पाठ किया। .. मैं कभी पानी कभी पत्थर रहा हूं,पर हमेशा ज़िन्दगी का स्वर रहा हूंँ...

बनारस पर केंद्रित एक उम्दा ग़ज़ल कहकर विनय मिश्र ने समकालीन कविता के यथार्थ बोध को प्रभावी रूप में रखकर गोष्ठी को नया आयाम दिया।

इसी क्रम में सत्यशील त्रिपाठी,सत्या पांडेय, प्रतिभा प्रभा,कुशाग्र मिश्र, डॉ मंजरी पांडेय और मैंने भी अपनी अपनी स्वरचित रचनाओं का पाठ किया।

"ढाई आखर" संस्था के अध्यक्ष मुकेश मिश्रा ने आमंत्रित सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया और धन्यवाद ज्ञापित किया।

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