आज फिर सत्य को सुला देते है, समाज की शांति भंग करने की सजा देते है : प्रो गोविन्द जी पांडेय
खामोश जिंदगी में तूफ़ान आने लगा है हर तरफ हलचल है कोलाहल है , और लोग विकल है कौन है जो हलचल मचा रहा है कोने में सत्य तो नहीं मचल रहा दबा देने के बाद...
Admin | Updated on:9 July 2022 6:55 PM GMT
खामोश जिंदगी में तूफ़ान आने लगा है हर तरफ हलचल है कोलाहल है , और लोग विकल है कौन है जो हलचल मचा रहा है कोने में सत्य तो नहीं मचल रहा दबा देने के बाद...
खामोश जिंदगी में
तूफ़ान आने लगा है
हर तरफ हलचल है
कोलाहल है , और लोग विकल है
कौन है जो हलचल मचा रहा है
कोने में सत्य तो नहीं मचल रहा
दबा देने के बाद तो चुप था
पर अब क्यों खामोशी तोड़े जा रहा है
कही वो फिर से जीवित तो न हो गया
सत्य जाग जाएगा तो
खामोश समाज में हलचल मचा देगा
सत्य की ख़ामोशी जरुरी है
समाज को सोना है
ख़ामोशी में शांति है
इस शांति को बरक़रार रखना होगा
सत्य को खामोश करना होगा
आज फिर सत्य को सुला देते है
समाज की शांति भंग करने की सजा देते है
आओ इसे मिलकर सजा दे
आओ फिर इसे एक कोने में सुला दे |
प्रो गोविन्द जी पांडेय
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