Kahani - Page 4

  • पढ़िए मेरी तीन कहानियो को एक से अध्याय छः तक एक साथ

    अध्याय एक :28 साल बाद कही की यात्रा फिर करने का मौका मिलना, उस पुरानी यात्रा मे बिताये हुए पल को बार -बार आंखो के सामने आने जैसा है। ये बात है 1991 की जब उन्नीस साल की उम्र मे पहली बार बॉम्बे अब मुम्बई जाने की इच्छा हुई । हमारे अभिन्न मित्र (नाम नही बता सकता क्योंकि कहानी बनी ही उनके कारण है।)...

  • अस्पताल में जुड़वा बच्चों का जन्म, माता-पिता ने नाम रखा कोविड और कोरोना

    बिहारगया : देश में कोरोना वायरस के चलते घोषित लॉकडाउन में जिले के टिकारी प्रखंड के जयनंदन बिगहा गांव निवासी एक महिला ने निजी अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। जिसके बाद जुड़वा बच्चों का नाम परिवारजनों ने कोविड और कोरोना रखा है।जिले के टिकारी प्रखड के जयनंदन बिगहा के रहने वाले श्रीराम कुमार की...

  • रुक तो सकता नही उसे तो चलते जाना है, चलना ही जिंदगी है और मौत ही ठिकाना है

    जिंदगी आज लाचारी और बेबसी का रूप है ,हर ओर फैली मायूसी, उदास चेहरे , हमसे कुछ मांगते है ,जिन्दगी तो दे न सके अब मौत तो गले लगाने दो |हमने चंद ख़ुशी के लम्हों के लिए अपने आपको गिरवी रख दिया - अपनों की उम्मीदों को पाले इस शहर में कदम रखा था | क्या माँगा था ,चंद रूपये जो तुम मेरे हर लम्हों को लेकर दे...

  • पंचतंत्र की कहानिया -दो बिल्लियाँ और बन्दर ( Two cats and a monkey)

    एक नगर में दो बिल्लियाँ रहती थी. एक दिन उन्हें रोटी का एक टुकड़ा मिला. वे दोनों आपस में लड़ने लगी. वे उस रोटी के टुकड़े को दो समान भागों में बाँटना चाहती थी लेकिन उन्हें कोई ढंग नहीं मिल पाया.उसी समय एक बन्दर उधर से निकल रहा था. वह बहुत ही चालाक था. उसने बिल्लियों से लड़ने का कारण पूछा. बिल्लियों ने...

  • One, who interferes in other's work, surely comes to grief.

    The Unforgiving Monkey There was once a merchant who employed many carpenters and masons to build a temple in his garden. Regularly, they would start work in the morning; and take a break for the mid-day meals, and return to resume work till evening.One day, a group of monkey arrived at the site...

  • शत्रु को पहचानते हुए भी उस पर विश्वास करने से जान गवानी पड़ती है

    एक चिड़ा पेड़ पर घोंसला बनाकर मजे से रहता था। एक दिन वह दाना पानी के चक्कर में अच्छी फसल वाले खेत में पहुंच गया। वहां खाने पीने की मौज से बड़ा ही खुश हुआ। उस खुशी में रात को वह घर आना भी भूल गया और उसके दिन मजे में वहीं बीतने लगे।इधर शाम को एक खरगोश उस पेड़ के पास आया जहां चिड़े का घोंसला था। पेड़...

  • लालच से आया धन भी जाता है : पंचतंत्र

    एक गाँव में एक कुत्ता था. वह बहुत लालची था. वह भोजन की खोज में इधर – उधर भटकता रहा. लेकिन कही भी उसे भोजन नहीं मिला. अंत में उसे एक होटल के बाहर से मांस का एक टुकड़ा मिला. वह उसे अकेले में बैठकर खाना चाहता था. इसलिए वह उसे लेकर भाग गया.एकांत स्थल की खोज करते – करते वह एक नदी के किनारे पहुँच गया....

  • बनारस तो बनारस है, वह अपने ही ताव के साथ जीता है

    साभार : https://www.facebook.com/pg/brahmangatha/posts/ .सत्रहवीं शताब्दी का पूर्वार्ध था, दूर दक्षिण में गोदावरी तट के एक छोटे राज्य की राज्यसभा में एक विद्वान ब्राह्मण सम्मान पाता था, नाम था जगन्नाथ शास्त्री। साहित्य के प्रकांड विद्वान, दर्शन के अद्भुत ज्ञाता। इस छोटे से राज्य के महाराज...

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