सरकार ने फल-सब्जी वालों और रिपेयरिंग करने वालों को छूट देने का फैसला किया; 15 तरह के उद्योग भी खुल सकेंगे, बशर्ते वहां सोशल डिस्टेंसिंग की जगह हो

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सरकार ने फल-सब्जी वालों और रिपेयरिंग करने वालों को छूट देने का फैसला किया; 15 तरह के उद्योग भी खुल सकेंगे, बशर्ते वहां सोशल डिस्टेंसिंग की जगह हो

[9:47 AM, 4/13/2020] +91 72099 92225: नई दिल्ली. मोदी सरकार ने रविवार को लॉकडाउन में बड़ी राहत देने की बात कही है। सरकार ने लॉकडाउन के जारी रहने के बीच 15 इंडस्ट्री और सड़कों पर दुकान लगाने वालों को काम करने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा ट्रक, रिपेयरिंग करने वालों को भी काम करने की मंजूरी दी है। सरकार ने जरूरी आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए यह फैसला लिया है। होम सेक्रेटरी अजय भल्ला को इंडस्ट्री सेक्रेटरी गुरु प्रसाद गुप्ता ने इस फैसले की जानकारी दी। गुप्ता ने बताया कि अच्छी-खासी तादाद में बड़े और छोटे सेक्टर्स की कंपनियों में काम शुरू करने की इजाजत दी गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि काम शुरू करने के दौरान सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

सरकार की सोच- आगे लॉकडाउन का स्वरूप तय हो

केंद्र सरकार यह महसूस कर रही है कि जब लॉकडाउन बढ़ाने पर फैसला लिया जाए, उसी समय यह तय कर लिया जाए कि आगे लॉकडाउन का स्वरूप कैसा रहेगा। इस दौरान कुछ कुछ और गतिविधियों को जरूरी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू करने की इजाजत दी जाएगी। सरकार ने कहा है कि देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और लोगों की आमदनी शुरू करने के लिए ये कदम जरूरी हैं। सरकार देश को राज्यों के बजाय कोरोना संक्रमण के आधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटकर उद्योग-धंधे खोलने की इजाजत दे सकती है।

सरकार ने कहा- कर्मचारियो के मामले में श्रम मंत्रालय स्थिति स्पष्ट करे

अपने आदेश में सरकार ने कहा कि जिन कंपनियों में काम शुरू करने की इजाजत दी गई है, वहां का मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों को काम पर आने के लिए कह सकता है। अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आता है, तो ऐसी स्थिति में बिना काम के दी जाने वाली सैलरी की जिम्मेदारी एंप्लायर पर नहीं होगी। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि इस संबंध में श्रम मंत्रालय स्थिति को और स्पष्ट करे।

बड़ी कंपनियों में 20-25% कर्मचारी ही एकसाथ काम करेंगे

_बड़ी कंपनियों में 20-25% कर्मचारियों को ही एक शिफ्ट में काम करने को कहा गया है। इसी तरह हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तभी काम करने की अनुमति मिलेगी, जब मजदूरों को रहने की व्यवस्था कराई जाएगी। कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्टर की पूरी जिम्मेदारी रहेगी कि वह साइट को पूरी तरह से सैनिटाइज कराएं और वहां स्वच्छता रखें। सरकार ने इंडस्ट्री को संचालित करने की इजाजत देने के बारे में गाइडलाइन जारी की है।

  1. जिन उद्योगों को काम करने की इजाजत दी जाएगी, उन्हें इन बातों का पालन करना होगा:

कर्मचारियों के लिए सिंगल एंट्री पॉइंट

सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पर्याप्त स्थान

कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिए अलग ट्रांसपोर्ट और फैक्ट्री परिसर में उनके रहने का इंतजाम

पूरे परिसर का बेहतर क्वालिटी के साथ सेनिटाइजेशन

जिला और राज्य के अधिकारी उद्योगों को चलाने की इजाजत देने के साथ जरूरी इंतजामों का निरीक्षण भी करेंगे।

  1. उद्योगों को चलाने के लिए वाहनों और कर्मचारियों की आवाजाही में कोई परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। कर्मचारियों और माल की आवाजाही पर निगरानी रखने वाला अमला गृह मंत्रालय के निर्देशों का पूरी तरह पालन करे। इस बारे में कई परेशानियां सामने आई हैं। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जिन उद्योगों को चालू करने की इजाजत दी गई है, उनके कर्मचारी और माल को फ्री मूवमेंट दिया जाए।

3. टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक मेन्यूफैक्चरिंग जैसा काम करने वाली बड़ी कंपनियों को सिंगल शिफ्ट में काम करने की इजाजत दी जा सकती है। बशर्ते उनके पास सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था हो।

4. एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों और लघु उद्योगों को मिनिमम मैनपॉवर के साथ काम करने की इजाजत दी जाएगी। ऐसे उद्योगों का माल ले जाने का पास इश्यू करते समय संबंधित अधिकारी उसकी जांच कर सकेंगे और निर्यात की इजाजत दे सकेंगे।

5. इन उद्योगों को सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा के इंतजाम करने पर न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने की इजाजत दी जा सकती है।

भारी इलेक्ट्रिकल आइटम जैसे ट्रांसफार्मर और सर्किट व्हीकल्स

ऑप्टिक फाइबर केबल सहित टेलीकॉम इक्विपमेंट और पुर्जे

कंप्रेसर और कंडेनसर यूनिट

स्टील और फेरस अलाय मिल

स्पिनिंग और जिनिंग मिल, पावर लूम

रक्षा और संबंधित उत्पाद बनाने वाले यूनिट

सीमेंट प्लांट (सीमेंट का उत्पादन एक निरंतर प्रक्रिया होती है और इसे तीन शिफ्ट में संचालित किया जाता है। इसे सुरक्षा सैनिटेशन और डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने पर अनुमति दी जा सकती है)

लकड़ी का पल्प और कागज निर्माण इकाइयां (ऐसे स्थानों पर उत्पादन शुरू किया जा सकता है जहां कोरोनावायरस के मामले कम आए हो इसके लिए राज्य सरकारों के डाटा को आधार बनाया जा सकता है)

उर्वरक प्लांट

पेंट और डाई उत्पादन की इकाइयां

सभी प्रकार के खाने-पीने की वस्तुएं

प्लास्टिक उत्पादन इकाइयां

बीज प्रोसेसिंग इकाइयां

ऑटो मोबाइल इकाइयां

रत्न और आभूषण निर्माण की इकाइयां (बड़े और संगठित क्षेत्र में)

सभी एसईजेड और विशेष आर्थिक जोन में उत्पादन की इजाजत रहेगी, लेकिन उन्हें सैनिटाइजेशन और डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा)

6. निरंतर उत्पादन करने वाले उद्योग जैसे कि स्टील, पावर और माइनिंग को गृह मंत्रालय ने पहले ही लॉकडाउन से बाहर रखा है। ये उद्योग निरंतर काम करते रहेंगे।

7. सभी बड़े उद्योगों में शिफ्ट को इस तरह संचालित किया जाए कि उसकी शुरुआत और आखिर में एकदम भीड़ इकट्ठी ना हो।

8. हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को काम करने की इजाजत दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए उन्हें मजदूरों को साइट पर ही रहने का इंतजाम करना होगा। साथ ही ठेकेदार को सैनिटाइजेशन और डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।

  1. छोटे और बड़े सभी तरह के मालवाहक वाहनों को कहीं भी आने-जाने की छूट होगी। संबंधित अधिकारी इन्हें राज्य के अंदर या बाहर, एक शहर से दूसरे शहर तक जाने से नहीं रोकेंगे। ऐसे वाहन खाली हो या भरे इसके बारे में अधिकारी कोई सवाल नहीं करेंगे।

10. ऐसे सभी उद्योग जिन्हें संचालित करने की अनुमति दी गई है वह कामगारों को ड्यूटी पर बुला सकेंगे। अगर कोई मजदूर काम पर नहीं आता है, तो कंपनी या व्यक्ति उसे बिना काम के तनख्वाह देने के लिए बाध्य नहीं होगा। यह श्रम मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट किया जाएगा।

11. फल और सब्जी विक्रेता जैसे सभी स्ट्रीट वेंडर्स को काम करने की इजाजत दी जाएगी, ताकि लोगों के घर तक सामान पहुंचाया जा सके और इस वर्ग के सामने आने वाली नकदी की समस्या दूर की जा सके।

12. चुनिंदा मरम्मत यूनिट को ऑपरेट करने की इजाजत होगी। इनमें छोटी इकाइयां जैसे मोबाइल , रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, टेलीविजन, प्लंबिंग, चर्मकार, प्रेस वाले, इलेक्ट्रीशियन, ऑटोमोबाइल मैकेनिक, साइकिल रिपेयर मैकेनिक को काम करने की इजाजत दी जाएगी। इन लोगों को अपने साथ आईडी कार्ड रखना होगा और वे पहले से जहां काम कर रहे थे, उसी जगह पर काम करेंगे। इससे लोगों को लॉक डाउन के दौरान जरूरी सुविधाएं मिल पाएंगी और काम करने वालों के पास से भी नकदी की समस्या दूर होगी। इन सेवाओं से किसी प्रकार की भीड़ इकट्ठी नहीं होती है ,इसलिए इन्हें काम करने दिया जा सकता है। इस तरह की मरम्मत का काम करने वाली ई कॉमर्स सेवाओं को भी ऑपरेट करने की इजाजत दी जा सकती है।

  1. रबर: रबर से बनी कई चीजें मेडिकल और हेल्थ केयर के साथ ही घरेलू कामों में इस्तेमाल होती हैं। लिहाजा, इनके उत्पादन को मंजूरी दी गई है। मैन्यूफैक्चिरिंग के दौरान सेफ्टी, सैनिटेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंडों का पालन जरूरी होगा।

1) प्रेशर कुकर में इस्तेमाल की जाने वाली रबर (गास्केट्स)

2) एलपीजी यानी घरेलू गैर में इस्तेमाल होना वाला होज पाइप

3) सर्जिकल ग्लव्स

4) एड्हेसिव यानी चिपकाने वाली चीजें

5) हॉस्पिटल में उपयोग की जाने वाली रबर शीट्स

6) मेडिकल सिलिकॉन

7) फार्मास्युटिकल स्टॉपर्स (दवाएं सुरक्षित रखने में इस्तेमाल होते हैं)

8) लेटेक्स गुड्स यानी रबर से बनी चीजें

9) हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल की जाने वाली ट्रॉलियों के रबर से बने पहिए

10) एप्रॉन्स जो रबर कोटेड हों

11) फेस मास्क बनाने में इस्तेमाल होने वाले एड्हेसिव्स

12) रबर के जूते और सेफ्टी शूज

13) कैथेटर्स

14) मेडिकल डिवाइसेज यानी उपकरण

15) आईव्ही ट्यूब्स

16) एनेसथेसिया बैग्स (बेहोश करने के लिए डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं)

17) वेंटीलेटर बेलोस (वेंटीलेटर में उपयोग किए जाने वाले स्पेशल रबर बेल्ट)

18) रबर स्टॉपर्स (मरीज को बॉटल लगाने में उपयोग होते हैं)

19) डेंटल सप्लाइज (रबर डैम्स, ग्लव्स, रबर थ्रेड और डेंटल बैंड्स)

14. लकड़ी या प्लायवुड के वो जरूरी सामान जो फार्मा कंपनी और एफएमसीजी कंपनियां पैकेजिंग में इस्तेमाल करती है। इनके लिए राज्य की संबंधित संस्थाओं की मंजूरी भी जरूरी होगी।

15. कांच और मेटल इंडस्ट्रीज को कम से कम कर्मचारियों के साथ मैन्यूफैक्चिरिंग की मंजूरी। इनमें रिसाइक्लिंग प्रोसेस शामिल होगा।

16. बैंक और कस्टम डिजिटल डॉक्यूमेंट्स बॉन्ड्स के साथ स्वीकार कर सकेंगे। मूल दस्तावेज यानी ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स लॉकडाउन खत्म होने के बाद पेश किए जा सकेंगे।

_17. खेती यानी एग्रीकल्चर से जरूरी सभी गतिविधियों को मंजूरी। इनमें एग्रो कैमिकल (खाद या कीटनाशक आदि) प्रोडक्शन, डिस्ट्रब्यूशन और सेल (बिक्री) शामिल हैं…✍

[12:39 PM, 4/13/2020] +91 72099 92225: झारखंड कैबिनेट की बैठक लॉकडाउन और लालू के पैरोल पर हो सकती है चर्चा

रांची: झारखंड सरकार की आज कैबिनेट बैठक होगी. इस बाबत मिली आधिकारिक सूचना के अनुसार 3:00 बजे झारखंड मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक होनी है.

वेतन कटौती को लेकर भी चर्चा

जानकारी के अनुसार, स्टेट कैबिनेट की बैठक में लॉकडाउन को लेकर निर्णय भी हो सकता है. इसके अलावा चारा घोटाले के मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के पैरोल को लेकर भी राज्य सरकार कैबिनेट की बैठक में चर्चा कर सकती है. साथ ही वेतन कटौती को लेकर भी विचार-विमर्श हो सकता है. इसके बाद ही सरकार किसी निर्णय पर पहुंच सकती है.

इन विषयों पर चर्चा होगी

The government decided to give exemptions to fruit-vegetables and repairers; 15 types of industries will also be opened, provided there is a place of social distancing.कोरोना महामारी के मद्देनजर देशभर में लगे लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है. इससे पहले राज्य सरकार ने गंभीर मंथन किया है. उम्मीद की जा रही है कि स्टेट कैबिनेट की बैठक में इन विषयों पर चर्चा होगी..

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