योग की सार्थकता भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में है :योग गुरु नागेन्द्र

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योग की सार्थकता भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में है :योग गुरु नागेन्द्र

आज दिनांक 16 फरवरी 2020 को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में योग वैलनेस सेंटर के तत्वावधान से "योग और कल्याण" विषय पर व्याख्यान हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर एच आर नागेंद्र, चांसलर, स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान, बैंगलोर कर्नाटक ने पौधारोपण करके किया।

आचार्य नागेन्द्र विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि योग मनुष्य ही नहीं पशु पक्षियों सभी करते हैं। योग की सार्थकता केवल भारत में ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी स्वीकार की गई है। योग के माध्यम से जीवन जीने की कला को बदल कर समाज की सेवा करना ही जीवन का उद्देश्य करना ही उचित होगा। आज मधुमेह की समस्या व्यापक रूप से बढ़ रही है केवल योग के आत्मसात से ही लोग इस पर रोक लगा सकते हैं।

जन कल्याण को देखते हुए योग कल्याण सेंटर की स्थापना प्रत्येक स्कूल प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान में करना ही उचित होगा। इसके लिये केवल सरकार ही नहीं अपितु सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। उच्च रक्तचाप की समस्या पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के आने के बाद रोजगार की समस्या का कुछ हद तक समाधान तो हुया है लेकिन मोबाइल और तकनीकी के ज्यादा उपयोग ने जन समूह में मानसिक तनाव बढ़ाया है।

मानसिक शांति सिर्फ और सिर्फ योग से ही आ सकती है। योग गुरु पंडित भीमसेन ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया। विश्वविद्यालय के योग वेलनेस सेंटर की योग प्रशिक्षिक पूनम शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हरि शंकर सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो गोविंद जी पांडेय ने किया। कार्यक्रम में प्रो बी बी मलिक, प्रो रिपुसूदन सिंह, , डॉ कुँवर सुरेंद्र बहादुर, डॉ रवि, डॉ राजश्री, छात्र छात्राएं आदि उपस्थित रहे।

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