सरकार ने सदन में बजट पेश होने तक टेबल भी थप थपाई और अपनी पीठ भी एवं आयकर में ज़रा भी छूट न देकर नौकरीपेशा व मध्यम वर्गीय की पीठ ठोंकी ही है. जबकि मध्यमवर्ग न गरीब है न अमीर। उसकी सेहत का ख्याल सरकार को तो रखना ही चाहिए. हर तरह के टेक्स उसे चुकाने पड़ते हैं किन्तु छूट के नाम पर उसे हमेशा हर बजट में कोई फ़ायदा नहीं पहुंचाया जाता. इस बार तो उसे आयकर में राहत मिलने की काफी उम्मीद थी किन्तु उसकी सारी उम्मीदों पर सरकार ने पानी फेर दिया. सरकार को आयकर की छूट पर ध्यान देना चाहिए ताकि मध्यमवर्ग की मायूसी को कम किया जा सके........ दीपा देवेंद्र नेनावा