आप के संयोनक केजरीवाल की कठिन होती राह

Update: 2022-02-17 13:51 GMT


दिल्ली में धमाकेदार जीत के बाद अपनी अलग छाप छोड़ने वाले केजरीवाल जिस विश्वास और उम्मीद के साथ पंजाब और गोवा का रुख किया वही उम्मीद उन्हें भारी पड़ गई।अब तो निकाय चुनाव में भी केजरीवाल आप पार्टी के प्रत्याशी खड़े करने में लालायित रहते है।गुजरात और पंजाब का उदाहरण सबके सामने है।आम आदमी पार्टी दिल्ली से निकल कर बड़ी भूमिका निभाने वाली है।लेकिन दिल्ली में ही अनेक समस्याओं का अंबार है।पंजाब में चुनाव सभा को संबोधित करते हुये राजनाथसिंह ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ने कुछ नही किया है।तब पंजाब में क्या कर सकते है।मुफ़्त में बिजली पानी देने की घोषणा करके वोट बटोर लेते है ।पंजाब के मुख्यमंत्री चरणसिंह चन्नी ने केजरीवाल को करारा जवाब दिया कि मेरा आंकलन करना बंद कर देना चाहिए।केजरीवाल अब तो दूसरों की भविष्यवाणी भी करने लग गए है।पिछली विधानसभा चुनाव में बहसबाजी का दौर चला और केंद्रीय नेताओ को बचाते रहे थे।पंजाब में हार का ठीकरा एवीएम मशीन पर फोड़ा गया था।आम आदमी पार्टी ने इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है।ज्यादा आत्म विश्वास और उनके अहंकार में पंजाब में आम आदमी पार्टी की यह दशा हुई है।केजरीवाल का अहंकार सातवे आसमान पर है।मोदी पर हमेशा आरोप लगाते रहते थे।जब उनकी पार्टी ने केजरीवाल पर आरोप लगाया और वो घिरते देखकर उंन्होने मोदी को टारगेट करना छोड़ दिया।गोवा में पिछले चुनाव में खाता भी नही खुला।इस बात भगवंत मान मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे।पिछले चुनाव में जरनैल सिंह को इस्तीफा दिलवाकर पंजाब में चुनाव लड़ाया गया।तब मतदाताओ की धारणा बन गई कि कही जरनैल सिंह मुख्यमंत्री नही बन जाए।लेकिन आप का प्रदर्शन फीका रहा।इस बार भी केंद्रीय इकाई का योगदान नजर नही आ रहा है।अन्ना हजारे के साथ रहकर दिल्ली तक पहुंचे केजरीवाल ने स्वतंत्रता सेनानी हजारे का साथ छोड़ दिया और राजनीति का रुख कर दिया।पंजाब से पिछली बार खोया कुछ नही पाया है।केजरीवाल को मालूम है कि हमने बेहतर प्रदर्शन किया है।लेकिन गुजरात में और पंजाब में निकाय चुनाव में जिन सीटों को जनता ने झोली में डाला है।इस बार विधानसभा चुनाव में बहुत खराब प्रदर्शन होने की संभावना है।



पंजाब और गोवा में 2017 के चुनाव में कुछ हासिल नही हुआ।निकाय चुनाव में कुछ सीट मिलने से विधानसभा में सफलता का अंदाजा नही लगा सकते है ।दिल्ली में भी अंतर्कलह कही कही पार्टी के बीच नजर आए है।चुनाव में जो उत्साह पार्टी कार्यकर्ताओं में नजर आ रहा था।वो सब खत्म हो गया है ।क्योंकि कवि कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर गभीर आरोप लगाए है और कहा कि केजरीवाल खालिस्तानी समर्थक है।सत्ता के लिए कुछ भी कर सकता है।और किसी भी हद तक जा सकते है।पंजाब के लिए कुमार विश्वास ने कहा कि वह एक राज्य नही भावना है।विरो की भूमि पंजाब के लिए केजरीवाल की घटिया मानसिकता का जीता जागता उदाहरण इस आरोप से सिद्ध हो जाता है कि केजरीवाल किस तरह के इंसान है और देश के लिए उनके मन मे क्या चल रहा है।ये वो लोग है जो जेएनयू में नारा लगाते है कि भारत तेरे टुकड़े होंगे।उन जैसे लोगो को स्पोर्ट करते है।उनका मकसद है देश का फिर से विभाजन हो जाए।इस बार केजरीवाल की राह आसान नही है ।

*कांतिलाल मांडोत *

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