जीत के महानायक प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने वाराणसी में मिर्जापुर की जनसभा के बाद रोड शो किया।जनता ने उनका जगह जगह स्वागत किया और उन पर फूल बरसाए।मलदहिया से शाम पांच बजे मोदी का रोड शो कबीरचौरा पहुंचा।लोगो ने गुलाब की पंखुड़ियों की बौछार कर दी।सबका साथ सबका विकास पर यूपी की जनता ने भरोसा दिखाया।मोदी ने विकास की किरणे दिखाई वो पूर्ण की है।इस बार कुनबे और कौम को बांटकर प्रदेश की राजनीति देखने वाले भौचके है।उत्तर प्रदेश के मतदाता जाति की दीवार तोड़कर मोदी के पक्ष में खड़े हो गए है।नरेंद्र मोदी का वाराणसी चुनावी क्षेत्र है।जनता के कार्यो को पूर्णता की और अग्रसर कर भाजपा फिर से मतदाताओ के बीच पहुंची है।वादा करके निभाने वाले ही
फिर से मत क्षेत्र में दौड़ लगाते है।नेता पांच साल बाद वापस आते ही नही है कि कहावत को तोड़ दी है।लोगो ने मोदी को आजाद भारत का सबसे लोकप्रिय नेता करार दिया है।वाराणसी के विकास की चकाचौंध में यूपी की चमक निहित है।इस बार भी मोदी ने मतदाताओ को अपनी और करने के लिए वाराणसी पहुंचे है। हर चुनाव सामाजिक राजनितिक रसायन होता है।चुनावी पंडित उसे समझ नही पाते है।इस बार भी पार्टीया जातिगत गणित में उलझी हुई है।वे समझने की कोशिश नही करते है कि आखिर मतदाता क्या सोचता है।एक मायने में यह भारतीय लोकतंत्र की बड़ी विशेषता है।मतदाता का मन जान लेना कठिन होता है।वह मतदाता ही क्या जो अपना मन खोल दे।एवीएम मशीन का बटन ही ब्रह्मास्त्र है जो उसी समय वोटिंग करते समय जेहन में आता है कि किस पार्टी ने अच्छा कार्य किया है।उसी के नाम का बटन दबता है।इस बार भी मोदी की लहर सातवे आसमान पर है।योगी मोदी को मतदाताओ ने अलग नही किया है।देश को मोदी जैसा ऐसा नेता मिला है जिसकी नीति नेतृत्व और जनाभिमुख दृष्टि के लोग कायल हुए है।दुष्प्रचार की आंधी बेअसर हुई है।यह पराजय है नकारात्मक राजनीति की।मोदी की शोहरत और मोदी की साख में कोई घटत नही हुई है।मोदी लहर से भाजपा की बुलंदियों से हर कोई दुहाई देता नजर आ रहा हैf।कोरोना महामारी को लेकर बेहतर व्यवस्था की गई थी।अपवाद को छोड़कर अमूमन योगी की दौड़ सफ़लतासूचक सूचक रही है।मोदी की परछाई बनकर विकास की गति देने वाली इस जोड़ी के लिए कयास लगाए जा रहे है।लेंकिन तिरंगा के नाम से विदेशी धरती मुरीद हो जाती है तो यह विकास नही है तो इसे क्या कहेंगे।योगी मोदी की इस जोड़ी ने कमाल कर दिया है।
*कांतिलाल मांडोत सूरत*