''मान गए आप के मान को''........

Update: 2022-03-11 07:53 GMT

जिस तरह नशा शराब में होता है बोतल में नहीं ठीक उसी तरह ''नशेमन मान'' जरूर रहे हैं (जिसकी चर्चा पूरे देश में चुनाव के वक्त रही) किन्तु ''आप'' (पार्टी) में जरा भी नशा नहीं था जिसे पंजाब के मतदाता भलीभांति समझ चुके. दूसरे नशेमन मान ने कांग्रेस, अकाली दल और कप्तान अमरिन्दर सिंह की पार्टी का भी नशा आप की सुनामी लाकर एक झटके में उतार दिया.

अकाली दल और भाजपा को छोड़िये किन्तु कांग्रेस जिसकी सत्ता थी उसको आप ने गद्दी से उतार दिया. इसका सबसे बड़ा कारण कांग्रेस की आपसी लड़ाई. कैप्टन अमरिंदर सिंह बनाम सिद्दू, सिद्धू बनाम चन्नी और आलाकमान एवं आलाकमान की ढुलमुल/अपरिपक्व नीति व निर्णय. जिसका पूरा फ़ायदा आप के सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के "गुजरात मॉडल'' की तरह ''दिल्ली मॉडल'' को पंजाब में पेश करके उठा लिया. अंत में कौन कहता है कि नशे में होश नहीं रहता ? अगर होश नहीं रहता तो सभी विपक्षियों के वे (आप के मान) होश कैसे उड़ाते ?......

महेश नेनावा, 

Similar News