तम्बाकू का नशा हो या शराब का नशा नशा ही होता है।नशे की लत लग जाये उसका सबकुछ स्वाहा कर देती है।आज धन संपत्ति बढ़ी है इसके कारण व्यसन में फसना बुद्धिमानी नही हैबल्कि मूर्खता का सूचक है।धन व्यसनों में खत्म करना धन का दुरुपयोग है।यदि उसी धन का उपयोग अपने परिवार या देश की भलाई के लिए किया जाए तो धन का उपयोग और जीवन का कल्याण हो सकता है।गम को धुंए में उड़ाता चला गया।फ़िल्म समाज का दर्पण होता है।फ़िल्म मनोरंजन के लिए और कुछ समय के लिए गम भुलाने का सशक्त माध्यम है।व्यसन की घृणित प्रथा को बंद करने के लिए युवाओ को सजग होना होगा।इस चंगुल में फंसने वाले कभी बाहर नही निकलते है।भारत जैसे धर्मप्रिय राष्ट्र में ध्रूमपान का प्रचलन राष्ट्र के लिए घातक है।जर्नल ऑफ निकोटिन एंड टोबेको रिचर्स में प्रकाशित शोध के अनुसार भारत मे 538 अरब रुपए बीड़ी सिगरेट से सरकार को राजस्व मिलता है।जबकि 567 अरब रुपए के अप्रत्यक्ष ध्रूमपान का बोझ है।सरकार बीड़ी सिगरेट पर प्रतिबंध लगाती है तो सरकार को अरबो रुपए का घाटा होता है।10 करोड़ लोग भारत मे ध्रूमपान करते है जिसमे हर वर्ष12 लाख लोगों की जान जाती है।भारत की इस दहनीय स्थिति पर तरस आता है।सरकार भी मजबूर है और ध्रूमपान करने वाले भी आदत से मजबूर है।तम्बाकू उत्पादन लोगो को कंगाल भी कर रहे है और लोगो की जान भी ले रहे है।संतो द्वारा व्यसन मुक्त आंदोलन चलाया जाता है।लेकिन भारत मे तम्बाकू की बड़ी मात्रा में बिक्री हो रही है।तब व्यसन मुक्त समाज की बात करना नादानी ही होगी ।देश में 29 फीसद वयस्क तम्बाकू का सेवन करते है।देश मे होटल,रेस्टोरेंट और एयरपोर्ट पर ध्रूमपान करने वाले स्मोकिंग जॉन बन्द होना चाहिए।सरकार इस और प्रयास करती है तो देश में ध्रूमपान की लत छूट सकती है।सार्वजनिक स्थानों पर लोग ध्रूमपान करते है।ये बन्द होने चाहिए।असमय में मौते होती है।तम्बाकू और बीड़ी सिगरेट के ध्रूमपान से कैंसर जैसी भयानक बीमारी होती है ।सिगरेट पर वैधानिक चेतावनी भी लिखी होती है,पर लोग उसको नजर अंदाज करते है।नशा मृत्यु का आमंत्रण पत्र है।यह विष के समान है।जब व्यक्ति नशे में चूर होता है तब वह बेभान होता है।आज भी लाखों लोग ध्रूमपान की लत को छोड़ने के लिए लालायित है पर वह आदत से मजबूर है।ध्रूमपान छूटता नही है।ध्रूमपान के पिशाच का अंत करने के लिए जागरूक बने।इस व्यसन से पीड़ित मानव के मन मे प्यार जगाए।ध्रूमपान से होने वाली हानियों का घर घर मे प्रचार करे।हम ऐसा करके बहुत से लोगो को ध्रूमपान से छुटकारा दिला सकते है।
*कांतिलाल मांडोत *