भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ता आर्थिक सहयोग,आदान प्रदान का करार

Update: 2022-04-03 09:35 GMT


पश्चिमी देशों की भारत से माल खरीदने और बेचने की होड़ लगी हुई है।समृद्धिशाली देश भारत के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के आदान प्रदान का सिलसिला चालू है।रूस और यूक्रेन की मध्यस्ती करने के लिए भारत को आह्वान किया है।भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत से प्रभावित विश्व समुदाय ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।रूस पर प्रतिबंध के बावजूद भारत रूस से तेल का आयात कर रहा है।अमेरिका की ताकत नही है कि इस प्रतिबंध के उल्लंघन के बाद भारत को अंगुली निर्देश कर सके।मोदी ने सत्ता संभालने के बाद कोई भी देश भारत से सीधी बात कर रहा है।


कोरोना काल मे मोदी ने अमेरिका से एक फोन में स्वास्थ्य उपकरण मंगवा दिए।रूस ने लड़ाकू जहाज दिए ।फ्रांस ने भारत से अरबो रुपए के समझौते पर हस्ताक्षर किए।ये देदीप्यमान भारत की तस्वीर है।नतीजतन, ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौता करार कर वस्तुओं पर कोई शुल्क नही देना पड़ेगा। मोदी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन के बीच करार हुआ।भारत ऑस्ट्रेलिया के इस व्यापारिक पृष्ठभूमि के पीछे पर्यटन और विद्यार्थियों और पेशेवरो के आदान प्रदान की संभावना भी बढ़ेगी।व्यापार के बढ़ते संबंधो को गति मिल रही है भारत और ऑस्ट्रेलिया के मजबूत व्यापारिक संबंधो से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार को करीब 50 अरब डॉलर तक करने की संभावना जताई जा रही है।जिसमे समय अवधि पांच वर्ष तक की है।भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट और अन्य खेलों के आपसी व्यवहार दशकों से चला आ रहा है।भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ विदेश व्यापार नीति में प्रयोगतात्मक वृद्धि होती रहे।भारत का दुनिया से अच्छे रिस्ते बने रहे।भारत के साथ करार में मत्स्य उधोग,चमड़ा,टेक्सटाइल और परिधान आभूषण मशीनरो और इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि शामिल है।भारत के साथ व्यापार करने के लिए कतार में खड़े गोरे लोग छाछ भी फूंक फूंक कर पीते है।इन व्यवसायिक समझौतों से भारत मे नॉकरी की संभावना का मार्ग प्रशस्त्र होगा।

*कांतिलाल मांडोत *

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