''हमारे यहाँ काम राजनीति ज्यादा''.......

Update: 2022-05-09 11:30 GMT

अतिक्रमण याने सरकारी जमीन कब्जा. अगर किसी ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है तो उसे हटाना सरकार का काम है. यूपी में अतिक्रमण हटाए गए वहां कोई बहुत ज्यादा हल्ला नहीं हुआ. दिल्ली में भी बहुत से अवैध का काम चल रहा है. इसी तारतम्य में बहुत समय तक धरना-आंदोलन और रास्ता रोके रहने के कारण प्रसिद्व शाहीनबाग क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने जब एमसीडी पहुंची तो आ गए आप पार्टी और कांग्रेस के नेता और यहाँ तक कि बिहार से लालू के बेटे भी बयानबाजी करने लग गए अपनी सस्ती राजनीतिक लोकप्रियता पाने के लिए. तो सुप्रीम कोर्ट चली गई जिसे नकारते हुए कोर्ट ने उसे पहले हाई कोर्ट जाने को कह दिया.


सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने ऐसे पहुँच गई जैसे शाहीनबाग पर ही कोई विशेष कार्रवाई की जा रही है या उसे बर्बाद किया जा रहा है पूरा शहर जैसे उनके लिए कुछ नहीं है जहाँ से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. अगर कोई भी राजनीतिक पार्टी व्यर्थ की स्वार्थपूर्ण राजनीति करने और सरकारी काम में बाधा डालने आती है तो सरकार को ुंपसर ही उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि वे सरकार के काम में अड़ंगे डालने से बज आ सकें. हाँ यदि वास्तव में अतिक्रमण के नाम से कहीं वैध मकान तोड़े जाएँ या लोगों को व्यर्थ परेशान किया जाए तब अवश्य राजनेता आवाज उठा सकते हैं या कानून का सहारा ले सकते हैं. किन्तु सस्ती लोकप्रियता हांसिल करने वालो पर व्यर्थ की राजनीति करने वालों पर सरकार उचित कार्रवाही करने से ज़रा भी पीछे न हटे जनहित में उचित कदम उठाये......


शकुंतला महेश नेनावा

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