जलवायु परिवर्तन: भारत के लिए गंभीर चेतावनी
जलवायु परिवर्तन: भारत के लिए गंभीर चेतावनी
आईपीसीसी की नई रिपोर्ट में भारत के प्रति एक चिंताजनक स्थिति को रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं किया गया तो जल्द ही भारत रहने लायक ही नहीं रह जाएगा।
आईपीसीसी ने अपनी छठी मूल्यांकन रिपोर्ट का दूसरा भाग सोमवार को जारी किया। इसमें पहली बार समिति ने अलग अलग प्रांतों के लिए अलग समीक्षा जारी की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र की सतह के स्तर के बढ़ने से प्रभावित होने वाली आबादी के लिहाज से भारत दुनिया में जलवायु परिवर्तन के आगे सबसे कमजोर देशों में से है।
रिपोर्ट के मुताबिक, "अगर उत्सर्जन को जल्द ही खत्म नहीं किया गया तो वैश्विक स्तर पर गर्मी और आर्द्रता ऐसे हालात उत्पन्न कर देंगे जो इंसान बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. भारत उन देशों में से है जहां ये असहनीय हालात उत्पन्न होंगे" (पढ़ें: 2050 तक 30 फीसदी तक बढ़ जाएंगी जंगलों में लगने वाली आग की घटनाएं) शहरों पर विशेष रूप से खतरा विशेष रूप से शहरों पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया गया है। मिसाल के तौर पर मुंबई पर भारी बाढ़ और समुद्र के स्तर के बढ़ने का काफी खतरा है;
अहमदाबाद पर शहरी हीट आइलैं; बन जाने का गंभीर खतरा है। चेन्नई, भुवनेश्वर, लखनऊ और पटना जैसे शहर भी गर्मी और आर्द्रता के खतरनाक स्तर की तरफ बढ़ रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरों में हीटवेव जैसे बहुत अधिक गर्मी के हालात बढ़ गए हैं और उनकी वजह से वायु प्रदूषण भी बढ़ा है। बिजली, पानी, यातायात जैसी महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं पर भी असर पड़ा है।