प्रियंका पांडेय संवाददाता बचपन एक्सप्रेस
प्रत्येक वर्ष देशभर में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है । 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी भाषा को राष्ट्र की अधिकारी भाषा के तौर पर स्वीकार कर लिया । राष्ट्रभाषा हिंदी हमें भावनात्मक एकता के सूत्र में भी पिरोती है । हिंदी केवल हमारी राष्ट्रीय भाषा या मातृभाषा नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है ।आज विश्व में हिंदी बोलने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी भाषा को जनमानस की भाषा कहा है ।दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई पहले भारतीय थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर सबको चौंका दिया था। इस बात के लिए उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है ।ऐसे लोग जो अपनी पृथक वादी भावनाओं का प्रदर्शन कर हिंदी का विरोध करते हैं उन्हें भी राष्ट्रीय सम्मान के लिए अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन लाना चाहिए और हिंदी को अपनाना चाहिए।