दिल्ली में दिल दहला देने वाले दंगा कांड ने भारतीय राजनीति में सेक्युलर राजनीति का एक तरह से खात्मा कर दिया है | जिस प्रकार एक समुदाय के लोग और आप पार्टी के सभासद के घर से दिल्ली को दहलाने वाले सामान इतनी मात्र में मिले है कि हजारो कि जान ली जा सके और सेक्युलर राजनीति के पुरोधाओं का शांत रह जाना देश से सेक्युलर राजनीति का अंत कर देगा |
ताहिर के समर्थन में आम आदमी पार्टी के विधायक अमान्तुल्ला का बयान और संजय सिंह का बचाव घोर निंदा के काबिल है | अगर आप कि आँखे धर्म के उग्रवाद से अभी भी नहीं खुली तो आप को उस दिन का इन्तजार करना चाहिय जब और लाशे इस तरह गटर से बाहर निकले |
किसी भी धर्म में उन्माद निंदनीय है और अगर ये दिखाई देता है तो उसे कुचलने का प्रयास सरकार को करना चाहिय | अगर वो लोग जो इट , पथ्थर इकठ्ठा कर लोगो पर बरसा रहे थे उनको सीसीटीवी से पहचान कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल भेज देना चाहिए | खासकर हमें भारत को सीरिया , इराक और अफगानिस्तान बनने से रोकना होगा |
इस उन्माद में अगर कपिल मिश्रा जैसे लोगो कि भूमिका है तो उसे भी जाच कर जेल भेज देना चाहिए \ देश के कानून के साथ खिलवाड़ अगर बर्दास्त करेंगे तो इस तरह कि घटना में जाने कितने अंकित शर्मा और रतन लाल को शहीद होना पड़ेगा |
देश में बढ़ते इस्लामिक कट्टरता से मुकाबला करने के लिए मुश्लिम समाज के पढ़े -लिखे लोगो का एक टास्क फ़ोर्स का गठन कर उनको मदरसों में दी जा रही शिक्षा में बदलाव और निगरानी का काम सौपना होगा जिससे इस तरह का उन्माद न पैदा किया जा सके |