मुझे हमेशा डांसिंग और सिंगिंग का शौक रहा है - सिमरन कौर

Update: 2021-11-22 15:52 GMT


पाॅपुलर एक्टर सिमरन कौर इन दिनों नये शो 'अगर तुम ना होते' में अपने नियति के रोल को लेकर चर्चा में हैं। शो के अलावा कई अन्य बिंदुओं पर पर उनसे बातचीत हुई-

- इस शो में अपने किरदार के बारे में बताएं?

मैं नियति का रोल निभा रही हूं जो एक युवा, मेहनती, समर्पित और अपने पेशे के प्रति पूरी तरह वफादार है। वो सबका बहुत ख्याल रखती हैं और अपन मरीजों की सुरक्षा और सलामती के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। उनका ऐसा ही एक मरीज है अभिमन्यु पांडे, जो मानसिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। हालांकि अभिमन्यु उनके लिए खतरा पैदा करता है, लेकिन नियति उसका ख्याल रखने और उसे यह उम्मीद देने का पक्का इरादा कर चुकी है कि सबकुछ ठीक हो जाएगा।

- क्या यह शो डिप्रेशन के विषय में झांकता है?

हमारा शो मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जरूर बात करता है लेकिन अवसाद (डिप्रेशन) के बारे में नहीं। हालांकि डिप्रेशन पर मेरे व्यक्तिगत विचार की बात करें तो मुझे खुशी है कि आज ज्यादा से ज्यादा लोग सामने आकर अपने निजी अनुभव बता रहे हैं ताकि दूसरे लोग इस समस्या की गंभीरता को समझ सकें। बेहतर होगा यदि हम अकेले में तकलीफ झेलने की बजाय इस बारे में किसी से मदद मांगे। हमारा शो यह दिखाता है कि किस तरह किसी सहारे की मदद से आप एक ऐसे शख्स में उम्मीद जगा सकते हैं, जो मानसिक समस्याओं का सामना कर रहा है।

- आपको कब यह महसूस हुआ कि आप में एक्टिंग करने की लगन है?

मुझे याद है जब मैं 10 साल की थी तब मैंने डोरेमॉन के फेमस कार्टून कैरेक्टर

नोबिता के लिए अपनी आवाज दी थी। मुझे हमेशा डांसिंग और सिंगिंग का शौक रहा है और मैं अपने स्कूल एवं कॉलेज के वार्षिक समारोह में सक्रिय रूप से हिस्सा लेती थी। तो जब मैंने नोबिता के लिए अपनी आवाज दी, तब मुझे महसूस हुआ कि मैं इस फील्ड में कुछ करना चाहती हूं। और फिर मैंने खुद पर काम किया और अपनी एक्टिंग स्किल्स सुधारने के लिए अलग-अलग जॉनर की फिल्में देखीं, जो मैं अब भी करती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि सीखने की प्रक्रिया तो हमेशा जारी रहती है और फिर मुझमें एक्टिंग के प्रति वो पैशन जागा।

- एक पॉपुलर वॉइस आर्टिस्ट से एक बड़े शो की लीडिंग लेडी बनने तक का सफर कैसा रहा?

यह सफर चढ़ाव भरा रहा, जिसमें मैंने एक्टिंग क्लासेस ली और रिजेक्शंस का सामना भी किया।  इसमें ऐसे कई अनुभव थे, जिनकी उम्मीद नहीं थी। यह आसान नहीं था लेकिन यह निश्चित तौर पर सीखने लायक अनुभव था और फिर मुझे 'अगर तुम ना होते' मिला।

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