'जीवन को इस तरह से जियो जैसे कल ही मौत आने वाली है। ज्ञान इस तरह से अर्जित करो जैसे तुम हमेशा जीने वाले हो।' ये अद्भुत बोल मोहनदास करमचंद गांधी के हैं। महात्मा गांधी ने जीवन जीने का एक आदर्श तरीका सिखाया है। इस 'गांधी जयंती' के अवसर पर एण्डटीवी के 'मौका-ए-वारदात-ऑपरेशन विजय' के एक्टर्स तान्या अबरोल (सब-इंस्पेक्टर सुरभि कौर) और पीयूष सहदेव (पुलिस इंस्पेक्टर राठौर), 'हप्पू की उलटन
पलटन' की सपना सिकरवार (बिमलेश), 'और भई क्या चल रहा है' की अकांशा शर्मा (सकीना मिर्जा), 'घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की' के साई बल्लाल (कुंदन अग्रवाल) और 'भाबीजी घर पर हैं' की शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी) ने राष्ट्रपिता और उनके सबक को याद किया।
'मौका-ए-वारदात-ऑपरेशन विजय' में सब-इंस्पेक्टर सुरभि कौर के रूप में नजर आ रही तान्या अबरोल ने कहा, ''बापू मेरे आदर्श हैं और मैं अपने जीवन में उनके मूल्यों व सीख को शामिल करने की कोशिश करती हूं।
बापू की तरह ही मेरा मानना है कि प्यार में पर्वत को भी हिला देने की ताकत होती है और मैंने इसे एक बार नहीं, बल्कि कई बार महसूस किया है। साथ ही मैं दूसरों के समय का सम्मान करती हूं क्योंकि मैं खुद भी समय की बेहद पाबंद हूं। जब आप समय की इज्जत करते हैं तो समय भी आपका मान रखता है।'' सपना सिकरवार 'हप्पू की उलटन पलटन' में बिमलेश की भूमिका निभा रहीं हैं, का कहना है,''महात्मा गांधी से सीखने के लिये काफी सारी बातें हैं, लेकिन अहिंसा को लेकर उनके विचार सबसे ज्यादा सीखने वाले हैं। उनके लिये इसका अर्थ है, किसी के लिये भी बुरे विचार को जगह ना देना, अपने दुश्मनों के लिये भी नहीं।'' अकांशा शर्मा, 'और भई क्या चल रहा है' में सकीना मिर्जा के रूप नजर आ रही हैं, कहती हैं, ''महात्मा गांधी ने हमें एक नहीं, कई तरीकों से प्रेरित किया है। बापू से सीखने लायक काफी सारी चीजें हैं। उनकी बतायी एक सीख को मैंने अपने जीवन में उतारा है, वह है माफ कर देना। सच कहूं तो माफ करना बलवान का गुण है।'' साई बल्लाल, 'घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की' में कुंदन अग्रवाल बने हैं, उनका कहना है, ''महात्मा गांधी का कथन 'सत्यमेव जयते' ने हमेशा ही मुझे सच के रास्ते पर चलने के लिये प्रेरित किया है। यदि 'सत्य' और 'अहिंसा' अंग्रेजों को खदेड़ सकता है तो यह और भी चमत्कार कर सकता है।''
'भाबीजी घर पर हैं' की अंगूरी भाबी यानि शुभांगी अत्रे का कहना है,''मैं गांधीजी की स्वदेशी विचारधारा को मानती हूं। आज के समय में, मुझे ऐसा लगता है कि अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये अपने लघु उद्योगों को आगे बढ़ाने का समय आ गया है। मैं लोकल मार्केट जरूर जाती हूं और वहां से चीजें खरीदती हूं। मेरा यह पक्का विश्वास है कि यदि हम सपोर्ट करें तो भारतीय उद्योग आगे बढ़ सकते हैं और किसी भी ग्लोबल इंडस्ट्री को पीछे छोड़ सकते हैं। गांधी जयंती के मौके पर, मैं सबसे कहना चाहती हूं कि भारतीय उत्पादों को प्रचारित करें और उन्हें सपोर्ट करें और भारतीय उद्योगों को आगे बढ़ने में मदद
करें।''