पूर्व कुलपति प्रो एन एम पी वर्मा ने एजुकेशन मिनिस्ट्री से लेकर अंबेडकर विश्वविद्यालय को घेरा, किया रिट् पेटिसन
पूर्व कुलपति प्रो एन एम पी वर्मा ने अपनी बर्खास्तगी को चैलेंज करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में रिट् पेटिसन डाला है जिस पर २० दिसंबर को सुनवाई होनी है । प्रो वर्मा को कुलसचिव डॉ अश्विनी सिंह को सस्पेंड कर देने के बाद मिनिस्ट्री ने कुलपति पद से हटा दिया था । अपने हटाये जाने को ग़लत बताते हुए प्रो एन एम पी वर्मा ने
इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में १३ दिसंबर को केस फ़ाइल (Filing No. WRIA/42169/2024) कर दिया है । केस को १६ तारीख़ को रजिस्टर कर पहली सुनवाई १८ को निश्चित की गई थी ।
प्रो नील मणि वर्मा की ओर से केस में एडवोकेट शेख़ वली उज जमान ने अपनी दलीलें रखी। इनकी ओर से यूनियन ऑफ़ इंडिया को अण्डर सेक्रेटरी, शिक्षा मंत्रालय और तीन अन्य के ख़िलाफ़ एवम् बाबसाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट और वर्तमान कुलपति शिव कुमार द्विवेदी को प्रतिवादी बनाया गया है ।
ये केस जस्टिस अब्दुल मोईन के सिंगल बेंच में सुना गया जिसमें १८ तारीख़ को पास ओवर कर दिया गया । अगली तारीख़ २० दिसंबर की है और इस केस के साथ -साथ अंबेडकर विश्वविद्याल का भविष्य भी तय होगा।
अंबेडकर विश्वविद्यालय में आज -कल केस -केस चल रहा है । पूर्व कुलपति से लेकर कुलसचिव तक सब एक दूसरे को निशाना बनाने में लगे है । इसी बीच सूत्रों की माने तो दोनों पक्षों में एक दूसरे से मान मनौअल भी चल रहा है ।
आने वाले समय में मैनपॉवर से लेकर हर तरह के टेंडर निकलने वाले है और उसमे उनके चहेते कैसे आए ये सब आज कल विश्वविद्यालय में ज़ोर शोर से चल रहा है । पर इन सबके बीच पुराने ठेकेदार की एंट्री भी क्या रंग लाएगी ये तो वक्त के गर्भ में है ।