देश भर की कुछ ऐसे संस्थान है जहां पर आरक्षण की व्यवस्था लागू नहीं है और कुछ ऐसे और संस्थान उन्हीं की श्रेणी में आना चाहते हैं ,जो आरक्षण की व्यवस्था को लागू नहीं करना चाहते हैंl केंद्र सरकार ने एक पत्र के माध्यम से सभी लोगों को अवगत कराया है कि केंद्रीय संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए |
इस क्रम में आईआईएम और आईआईटी चाहते हैं कि उन्हें इंस्टिट्यूशन ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस का दर्जा मिल जाए जिससे वह आरक्षण देने से बाहर हो जाएं |देशभर में आरक्षण उन संस्थानों में लागू है जो institute आफ नेशनल इंर्पोटेंस नहीं है या कुछ ऐसी जगह है जहां पर आरक्षण की व्यवस्था लागू नहीं है|
पर इसके लिए इन संस्थानों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है और अपने आप को एक अलग श्रेणी में खड़ा करना पड़ता है, अगर कोई इंस्ट्यूशन इस श्रेणी में आ जाता है तो वहां आरक्षण की व्यवस्था नहीं लागू होती हैl
वैसे तो आरक्षण कमजोर वर्ग को नौकरी में प्रतिनिधित्व देने को लेकर हुआ था पर आज आरक्षण उन्हीं लोगों तक सीमित होकर रह जा रहा है जो इसको एक बार पा चुके हैं| गरीब तबका जिसके लिए आरक्षण बनाया गया था उस तक आरक्षण की पहुंच अभी नहीं है|