भारत-मालदीव के बीच कुल 8 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। जिनमें मुक्त व्यापार को लेकर नियमों पर चर्चा को गति देना, मत्स्य पालन के क्षेत्र में सहयोग, दोनों देशों के बीच मौसम संबंधी जानकारी साझा करने को लेकर समझौता, डिजिटल तकनीक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा, चिकित्सा क्षेत्र के अलावा भारत की एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट लिमिटेड (NIPL) और मालदीव की मौद्रिक प्राधिकरण (MMA) के बीच मालदीव में यूपीआई (UPI) सेवा को लागू करने के लिए नेटवर्क-टू-नेटवर्क समझौता हुआ। वहीं भारत 565 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन मालदीव को देगा।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त बयान के दौरान कहा कि भारत और मालदीव पड़ोसी ही नहीं है बल्कि सहयात्री है। मालदीव के लिए भारत हमेशा से फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। ऐसे में मालदीव के विकास, समृद्धि में भारत हमेशा सहयोग करता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव का भारत के महासागर विजन में अहम स्थान है। ऐसे में भारत माले में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, ग्रेटर माले, डेवलपमेंट प्रोजेक्ट व अन्य इंफ्रा तैयार करने में मदद कर रहा है। भारत का लक्ष्य है पेपर वर्क टू प्रोस्पेरिटी है।