अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन बना अफगानिस्तान का गृहमंत्री जानिए कौन है सरकार का मुखिया।
In the recently announced Government in Afghanistan, All the UN wanted list terrorists are given key positions.
जहां एक तरफ भारत 15 अगस्त को स्वतंत्रा दिवस मना रहा था वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था और पूरे अफगानिस्तान पर 22 दिन के बाद अब तालिबानियों का कब्जा हो गया है। जिसके बाद तालिबानियों ने अपनी सरकार का ऐलान भी कर दिया है।
वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की मुश्किलें और बढ़ गई है क्योंकि तालिबान की सरकार में अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकवादी
सिराजुद्दीन हक्कानी को गृहमंत्री के रूप में चुना गया है।
आपको बता दें कि सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में भी है। अमेरिका ने उसके बारे में सूचना देने पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।
तालिबान के प्रमुख प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार गठन की जानकारी दी गई की मोहम्मद हसन को प्रधानमंत्री बनाया गया है ।
आपको बता दें कि खूंखार आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क को चलाने वाले सिराजुद्दीन हक्कानी के बारे में कहा जाता है कि वो पाकिस्तान नॉर्थ वजीरिस्तान के मिराम शाह इलाके में रहता है. हक्कानी नेटवर्क के इस शीर्ष आतंकवादी का नाम FBI की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में अभी भी शामिल है।
इतना ही नहीं कहा जाता है कि सिराजुद्दीन हक्कानी क्रूरता के मामले में वो अपने पिता से भी आगे है, साल 2008 से लेकर 2020 तक अफगानिस्तान में हुए कई बड़े आतंकवादी हमलों में सिराजुद्दीन का हाथ रहा है. यह भी बताया जाता है कि हक्कानी नेटवर्क से 15 हजार आतंकी जुड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका हमेशा से सिराजुद्दीन हक्कानी को अपना बड़ा दुश्मन मानता है। साल 2008 में अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की साजिश रचने में भी इस खूंखार आतंकी का नाम सामने आया था। सिराजुद्दीन पर जनवरी 2008 में काबुल में एक होटल पर बम हमले का आरोप है. इस हमले में छह लोग मारे गये थे।
लगातार तालिबान को पाकिस्तान से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि तालिबान ने चुनी जा रही सरकार को देखते हुए पाकिस्तान बहुत खुश नजर आ रहा है। ऐसे में हमेशा देखा गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI हक्कानी नेटवर्क को पनाह देती रही है और उसे समय-समय पर भारत के खिलाफ इस्तेमाल करती रही है।
पूर्वी अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क का प्रभाव सबसे ज्यादा है। अफगानिस्तान में प्रभावी इस संगठन का बेस पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिम सीमा में है।
नेहा शाह