बिना संसद की मंजूरी के नहीं बदली जा सकेगी कॉरपोरेट टैक्स दरें

Update: 2019-09-23 12:44 GMT

महिमा गुप्ता
कंपनियों को लंबी अवधि तक कॉरपोरेट की घटी हुई दर का लाभ मिलता रहेगा। संसद की मंजूरी के बगैर किसी भी सरकार के लिए आगे चलकर इस दर को बढ़ाना संभव नहीं होगा। इस तरह से सरकार ने घरेलू कंपनियो को भरोसा दिला दिया हैं कि कॉरपोरेट टैक्स की नई दर स्थाई होगी और इसका लाभ लंबे समय तक वे उठा सकेंगी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यहां कहा कि एक अक्टूबर के बाद बनी नई घरेलू कंपनियां अगर नया निवेश कर 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुरु कर देती हैं तो उनके लिए 15 फीसद की दर से कॉरपोरेट टैक्स का भुगतान करने का विकल्प होगा। इनके लिए कॉरपोरेट टैक्स (सैस और सरचार्ज को मिलाकर) की प्रभावी दर 17.01 फीसद होगी। नई घरेलू कपंनियों को यह सुविधा निरंतर मिलती रहेगी क्योंकि सरकार ने इसके लिए सनसैट क्लॉज का प्रावधान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि आगे की सरकारों के लिए इन कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 15 प्रतिशत से बढ़ाना आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी होगी और इसके लिए स्पष्ट वजह बतानी पड़ेगी। और कहा कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए निवेश करने के लिए भारत अब आकर्षक देश होगा क्योंकि दक्षिण-पूर्वी एशिया के किसी अन्य देश में नई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 15 प्रतिशत नहीं है। चीन में भी कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 प्रतिशत है।

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