पर्यावरण संरक्षण की तरफ कदम बढ़ाते हुए उत्तर रेलवे ने सोलर पैनल युक्त ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है। राजधानी में जल्द ही सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाली ट्रेनें चलेंगी। इसके लिए ट्रेनों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जायेगे।
इससे ट्रेनों के रास्ते में खड़े हो जाने पर लाइट और पंखे बंद नही होंगे। सूत्रों के मुताबिक लखनऊ-वाराणसी पैसेंजर प्रदेश की पहली सोलर पैनल युक्त ट्रेन होगी, जिसमें यात्रियों को लाइट और पंखे की सुविधा 24 घंटे प्राप्त होगी ।
पर्यावरण संरक्षण और डीजल खपत कम करने के लिए रेलवे पैसेंजर ट्रेन में सोलर पैनल लगाएगा। इससे रेलवे की डीजल पर होने वाली खपत घटेगी। अनुमान है कि इससे करीब 1.27 लाख लीटर एक साल में बचने की उम्मीद है ।
ट्रेन पर अंतिम निर्णय के बाद तैयारियां शुरू हो जाएंगी। रेल अधिकारियों के मुताबिक पैसेंजर ट्रेनें अक्सर रास्ते में खड़ी हो जाने पर यात्रियों को लाइट और पंखे न चलने की शिकायत होती है। इससे निपटने के लिए पैसेंजर ट्रेनों को सोलर पैनल से लैस किया जाएगा। रेलवे ने इसके लिए बजट जारी कर दिया है।
सोलर पैनल वाले एक कोच में करीब 10 किलोवाट बिजली प्रतिदिन बनेगी। दिन में पंखे सीधे सौर ऊर्जा से चलेंगे। रात के समय ट्रेन में सौर ऊर्जा से एकत्रित बिजली से पंखे और लाइट की सुविधा यात्रियों को प्राप्त होगी।
प्रयोग के तौर पर पहले 10 कोच वाली पैसेंजर ट्रेन को सोलर पैनल लगाया जाएगा। एक कोच पर रेलवे की अनुमानित लागत करीब 8 लाख रुपये है। इस हिसाब से कुल 80 लाख रुपये खर्च होंगे।