कृषि कानून के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान किसान संसद चलाएंगे बोले राकेश टिकैत।

Update: 2021-07-23 07:57 GMT


सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन आज करीब डेढ़ साल से बना हुआ है। कोरोनावायरस की दूसरी लहर आने के कारण प्रदर्शन में कमी देखी गई थी परंतु अब किसानों का प्रदर्शन एक बार फिर उबाल मारने लगा है जिसके बाद सरकार द्वारा उन्हें जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी गई है।


आपको बता दें कि किसान विरोध प्रदर्शन के जरिए आज दूसरे दिन भी जंतर-मंतर पर किसान संसद चलाएंगे। जिसके लिए सिंधु बॉर्डर से किसानों की लंबी टोली रवाना हो चुकी है।गौरतलब है कि किसान संसद के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत नरेश टिकैत भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानेगी तब तक हम बॉर्डर नहीं छोड़कर जाएंगे।


गौरतलब है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन की भव्यता को देखते हुए तथा किसान संसद के मद्देनजर जंतर मंतर पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। परंतु इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच 3 नए कृषि कानूनों के प्रदर्शन में सिर्फ 200 लोगों को ही जंतर-मंतर पर आने की अनुमति दी गई है।


जानकारी के लिए बता दें कि जंतर-मंतर से कुछ ही दूरी पर संसद भवन स्थित है जहां मानसून सत्र चल रहा है। 26 जनवरी को हुई घटना को देखते हुए सरकार द्वारा जंतर मंतर पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी तरह का विवाद होने से बचा जा सके। इस दौरान किसानों ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि किसान संसद आयोजित करने का एकमात्र उद्देश्य या प्रदर्शित करना है कि उनका आंदोलन अभी भी जारी है।


इतना ही नहीं आपको बता दें कि किसान नेता रविंद्र सिंह पटियाला ने कहा कि किसान संसद की 3 सत्र होंगे। जिनमें कुल 6 सदस्यों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि तीनों सत्र के लिए अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) चुना जाएगा। प्रथम सत्र में किसान नेता हन्नान मुल्ला और मंजीत सिंह को इन पदों के लिए चुना गया है। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने कहा कि ना तो हम और ना ही सरकार भारी भीड़ के प्रति सहज है। भोजनावकाश और चाय के लिए भी अवकाश होगा तथा हमारे पास सबकुछ है।


नेहा शाह


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