अग्निपथ के विरोध में सड़को पर हुआ बवाल चार साल की नौकरी क्या सच मे है खिलवाड़

Update: 2022-06-17 12:24 GMT



अग्निपथ स्कीम क्यों युवाओं को खटकी

Protest of Agnipath Scheme :- केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे देश मे प्रदर्शन जारी है। युवा जगह जगह सड़को पर उतर पर केंद्र सरकार का विरोध कर रहा है वही विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर अपना सियासी तानाबाना बुन रही है और इसे छलावा बताकर मोदी सरकार पर बरस पड़ी है। बिहार में इस योजना को लेकर बीते तीन दिनों से युवा सड़क पर उतरे है और कई जगह पर चक्का जाम किया गया है। वही अगर हम बात यूपी की करे तो आज जहाँ जुमे की नमाज को लेकर पूरे यूपी में अलर्ट था लेकिन इस अलर्ट के बीच अग्निपथ योजना के विरोध में यूपी के कई जिलों में जमकर धरना प्रदर्शन हुआ।

बलिया में युवाओं ने ट्रेन को आग के हवाले किया और लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे को जाम कर दिया। कही मोदी के पतले फूंके गए तो कही सड़को पर आवागमन बाधित किया गया। लेकिन इस विरोध प्रदर्शन के पीछे की कहानी क्या है यह हर कोई जानना चाहता है तो आइये समझते हैं की युवा इस योजना का विरोध क्यों कर रहा है और इस विरोध का कारण सिर्फ अग्निपथ योजना या कोई और....

जाने विरोध का कारण:-

अग्निपथ के विरोध का सबसे बड़ा कारण भर्तियों का लंबित होना है। जब कोरोना काल आया तो इसने हर सेक्स्टर को प्रभावित किया। पिछले दो साल से कोई भर्ती नहीं हो पाई वही जिन भर्तियों को करवाया गया उनके परिणाम नहीं आये। वही सरकार ने पुरानी भर्ती पूरी करवाने से पहले युवाओं को अग्निपथ योजना के रूप में नई सौगात दी जिसमे उन्होंनेसभी पुरानी भर्तियों को नई योजना के अंतर्गत करवाने की बात कही। सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा आहत वह युवा हुए हैं जिनकी उम्र अब खत्म हो गई है या उनकी उम्र खत्म होने को है। छात्रों का कहना है कि वह पुरानी भर्ती के परिणाम का इंतजार कर रहे थे लेकिन सरकार के एक निर्णय ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया है और इसी कारण वह इस योजना का विरोध करने हेतु सड़को पर उतर आए हैं।

कहां हो रहा सबसे ज्यादा विरोध:-

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का सबसे ज्यादा विरोध बिहार में हो रहा है। जहानाबाद, छपरा, नवादा, मुंगेर में बड़ी संख्या में युवा सड़कों पर उतरे. इन युवाओं ने कई जगहों पर टायर जलाकर विरोध जताया है। छात्रों का कहना है कि कड़ी मेहनत करके वह सेना में भर्ती होते हैं अब सरकार ने 4 साल की नौकरी देने की स्कीम ला दी है। यह कैसी नौकरी होगी जिसमें 8 महीने की ट्रेनिंग, 6 महीने की छुट्टी वही 3 की नौकरी होगी। हम तीन साल में क्या ही देश की रक्षा करेंगे. सरकार को यह निर्णय वापस लेना होगा नहीं तो केंद्र के सरकार की इस योजना के विरोध में हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। बिहार के अलावा राजस्थान और आज यूपी में छात्रों ने अग्निपथ स्कीम का जमकर विरोध किया है। राजस्थान में पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान शांति भंग करने के आरोप में 10 युवाओं को हिरासत में लिया है हालाकि यूपी पुलिस लगातार प्रदर्शन को रोकने की कवायद में लगी है।

जाने क्या है अग्निपथ योजना:-

अग्निपथ योजना 4 साल के लिए आर्मी मे भर्ती हेतु लाई गई स्कीम है। जिस पर सरकार 90 दिनों के अंदर एक्शन लेगी। इस योजना का उद्देश्य सेना में युवाओं को भर्ती करना और उन्हें एक कुशल नागरिक बनाना है। इस योजना के तहत जिन युवाओं को भर्ती किया जाएगा उन्हें अग्निवीर कहा जाएगा। अग्निपथ योजना के लिए देश के ITI और अन्य शिक्षण संस्थानों से युवाओं को भर्ती किया जाएगा। अग्निवीर में उन युवाओं को भर्ती किया जाएगा जिनकी उम्र

17.5 साल से लेकर 21 साल तक होगी वही जिन्होंने 10 वीं व 11 वीं तक पढाई की होगी। अग्निवीरो को भर्ती के बाद 10 हफ्ते से लेकर छह महीने तक की ट्रेनिंग दी जाएगी । 4 साल के बाद अग्निवीरो को नौकरी छोड़नी होगी जब यह नौकरी छोड़ेगे तो इन्हें करीब 11.7 लाख रुपये एकमुश्त ब्याज समेत दिया जाएगा। यह पैसा इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होगा।

अग्निपथ योजना पर क्या बोला विपक्ष :-

एक ओर जहां इस योजना के विरोध में युवा सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं वही राजनीतिक दल इस योजना के जरिए मोदी सरकार पर जमकर बरस रहे हैं। रालोद ने घोषणा की है कि कल 18 जून को वह इस योजना के विरोध में आंदोलन करेगी। सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद चौधरी बिजेंद्र सिंह ने कहा की भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है। यह अपनी नाकामी को छुपाने हेतु युवाओं के साथ लुका छुपी का खेल खेल रही है।

इसीलिए सरकार ने कानून में अग्निपथ योजना के लिये परिवर्तन किया है जिसे युवा कभी नहीं स्वीकारेगा। वही कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्षा व पूर्व विधायक प्रत्याशी गौरांग देव चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर भद्दा मजाक किया है। वही प्रियंका गांधी ने इसे युवाओं के साथ छलावा बताया और कहा कि इसे सरकार को तुरंत वापस ले लेना चाहिए।

प्रियांशी सिंह

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