जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अनुसूचित जनजाति के सांसदों और पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले जनजातीय समुदाय के लोगों को सम्मानित किया
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की ऐतिहासिक जीत और उनके भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनने पर जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान में जश्न मनाने के लिए देश भर से पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले जनजातीय समुदाय के लोगों और अनुसूचित जनजाति के संसद सदस्यों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
मंत्रालय ने अनुसूचित जनजाति समुदाय से संबंधित पद्म पुरस्कार विजेताओं के जनजातीय समुदाय के लोगों के कल्याण और उत्थान के लिए किए गए अमूल्य योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया। इसके अलावा, कार्यक्रम स्थल पर पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ एक ओपन हाउस विशेष बातचीत के सत्र का भी आयोजन किया गया।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा; केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री जॉन बारला, केंद्रीय इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधिकारी, राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान-एनटीआरआई के महानिदेशक और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस विशेष अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर मौजूद पद्म पुरस्कार विजेताओं ने अपने समृद्ध अनुभव और अपने संघर्ष की यात्रा के अनुभव साझा किए।
इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय समुदाय के पद्म पुरस्कार विजेताओं द्वारा आज साझा की गई जीवन यात्रा को सुनना एक शानदार अनुभव रहा है।
श्री मुंडा ने कहा कि पद्म पुरस्कार विजेताओं और उनकी यात्रा के साथ-साथ उपलब्धियां सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि इन पद्म पुरस्कार विजेताओं का समाज में बहुत बड़ा योगदान है। श्री अर्जुन मुंडा ने आग्रह किया कि हमें इन उपलब्धि हासिल करने वालों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए जिन्होंने जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है।
श्री मुंडा ने कहा कि हमें भारत@75 से भारत@100 तक पहुँचने के दौरान जनजातीय लोगों के जीवन और जनजातीय समाज को बदलने के लिए किए गए कार्यों के लिए पुरस्कार विजेताओं से प्रेरणा लेनी चाहिए। मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का संदेश दिया है जो हमारी अमृत काल की यात्रा के माध्यम से जनजातीय लोगों के सपनों, आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करेगा।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने मंत्रालय की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जनजातीय सांसदों और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की।
जनजातीय लोगों की समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने और उनके समग्र विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जोर दिया गया और बातचीत के दौरान इस बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
यह आयोजन भारत में जनजातीय समुदायों के के लोगों के लिए सहयोग, समन्वय और विकास को मजबूत करने में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह भारत में समानता और एकता के लिए लंबे समय से चले आ रहे बंधन को मजबूत करने का काम करेगा।