वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में जहां सबसे ज्यादा तबाही हुई है, वह देश भारत ही है। आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस बार वायरस काफी तेजी से फैल रहा है, और पिछले 24 घंटों में 161000 से ज्यादा नई के सामने आए हैं। जबकि इलाज के दौरान करीब 900 लोगों की मृत्यु हो गई। साल के पहले महीने में महामारी की रफ्तार काफी कम हो गई थी लेकिन फरवरी के दूसरे हफ्ते के बाद मरीजों की संख्या बढ़ती चली गई।
और अब संक्रमण ने पिछले साल के भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो उन्होंने कहा है कि इस बार 2 तरह के वायरस लोगों को परेशान कर रहे हैं एक देसी और ढेर सारे विदेशी। उन्होंने कहा कि अब तक ब्रिटेन ब्राजील दक्षिण अफ्रीका और न्यूयॉर्क में मिले वेरिएंट भारत में मिले हैं। तथा हर जगह अलग-अलग वैरीअंट के वायरस पाए जाने के कारण वैज्ञानिक भी इसका उपाय नहीं समझ पा रहे हैं।
एक्सपर्ट ने कहा कि इस साल जनवरी में वायरस की रफ्तार थमने के बाद लोग लापरवाह हो गए और सरकार द्वारा लागू के लिए प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं किया। उन्होंने कहा यदि बाद भारत की करें तो भारत में सब कुछ खुला है इसके चलते भी केस काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आंकड़ों की बात करें तो अब तक सिर्फ 7% लोगों को ही वैक्सीन लगी है जबकि 5 फ़ीसदी लोग अब तक 1 डोज में चल रहे हैं। चौथे चरण पर प्रकाश डालते हुए एक्सपर्ट्स ने कहा कि इसके अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी में कोरोनावायरस में 20% से 30% लोगों में 6 महीने के बाद एंटीबॉडीज खत्म हो गए हैं। यही वजह है कि लोगों में संक्रमण दोबारा से फैलने लगा है। अगर बाद आईआईटी कानपुर की करें तो उनके वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल में सर चढ़कर बोलेगी।
नेहा शाह