किसानों के साथ बातचीत करेगी सरकार, लिखित प्रस्ताव न मिलने पर बोले किसान-कैसे होगी बैठक

Update: 2020-12-01 06:00 GMT

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3 कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन 6वें दिन में प्रवेश कर गया है। टीकरी और सिंघु बॉर्डर के साथ अब दिल्ली-यूपी गेट पर भी किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। उधर, सिंघु बॉर्डर की तरफ से दिल्ली में जबरन प्रवेश करने के दौरान किसानों की तरफ से की गई ¨हसा के खिलाफ अलीपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज व अन्य स्रोतों से मिले सुबूतों के आधार पर मामले की जांच कर रही है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।

दिल्ली के सिंघु बार्डर पर डेरा जमाए बैठे किसानों की केंद्र सरकार के साथ 3 दिसंबर को प्रस्तावित बैठक खटाई में पड़ती दिखाई दे रही है। किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र की तरफ से उन्हें कोई लिखित प्रस्ताव नहीं मिला है। जब तक कोई लिखित प्रस्ताव नहीं आएगा, बैठक होना संभव नहीं है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों को 1 दिसंबर को दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में बातचीत के लिए बुलाया है. इस मामले में कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार किसानों को लेकर बेहद चिंतित है, हमारी तरफ से पहले भी 2 बार बैठक की जा चुकी है जिसमें से 1 बैठक में स्‍वयं मैं और पीयूष गोयल भी उपस्थित थे। अब जब किसान धरनारत हैं ऐसी परिस्थिति में हम किसान यूनियन के उन नेताओं को जो पिछले दौर की बैठक में मौजूद थे उनको मंगलवार को दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में आमंत्रित करते हैं और हम बातचीत के लिये तैयार हैं।

इससे पहले 14 अक्‍टूबर को किसानों की कृषि सचिव के साथ हुई। नरेंद्र तोमर ने कहा कि उसके बाद 13 नवंबर को खुद मैंने किसानों से बात की। उसके बाद पीयूष गोयल, मैं और कई लोगों ने किसानों से बात की। हमने किसानों को समझाया कि आंदोलन का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। किसान बंधुओं को चर्चा का रास्ता अपनाना चाहिए। मंगलवार को विज्ञान भवन में पधारें। निमंत्रण पत्र उनको पहुंच चुका है।

शिवांग

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