राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में दिल्ली में तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया है। '100 वर्ष की संघ यात्रा - नए क्षितिज' नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू कहने से हिंदू वर्सेस ऑल ऐसा नहीं है। हिंदू बनाम कोई, ऐसा भी नहीं है क्योंकि हिंदू का मतलब इंक्लूसिव है, जो अपने सारे विकास को संपूर्ण विश्व के साथ एक रूप होने को एक खुला रास्ता देने की बात करता है।
सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू राष्ट्र शब्द का सत्ता से कोई मतलब नहीं है। भारत में शासन किसी का रहा हो वह शासन हमेशा पंथ संप्रदाय का विचार करने वाला शासन नहीं रहा, उसमें सबके लिए न्याय समान है और जब हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं तो किसी का विरोध करते हैं ऐसा नहीं है, संघ किसी के विरोध में या प्रतिक्रिया में नहीं निकला है।