रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज डीआरडीओ भवन में 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' से संबंधित रक्षा मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत की और इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, "रक्षा मंत्रालय के द्वारा ये कार्यक्रम आज़ादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किए गए हैं। इसमें सभी विभागों का सम्मिलित प्रयास है। देश के अलग-अलग हिस्सों में शुरू हो रहे इन कार्यक्रमों को देखकर लगता है कि केवल देशवासी ही नहीं, बल्कि जल, थल, नभ, पहाड़, पठार और पासेज भी हमारे साथ 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' मना रहे हैं।"
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि 75 साल पहले हम आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे थे। आज आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। ये सौभाग्य का क्षण है। 75 साल पहले हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आवश्यकता पड़ने पर पहाड़ों में शरण ली। आज हम उन्हीं पहाड़ों पर पर्वत अभियान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम शस्त्रों के सबसे बड़े आयातक जाने जाते थे। अब भारत शस्त्रों का नंबर एक आयातक नहीं रहा। भारत को हम आत्मनिर्भर बनाएंगे। इस दिशा में प्रयास चल रहे हैं। हम भारत को आयातक नहीं दुनिया का निर्यातक देश बनाना चाहते हैं।