प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 2 दिन की थाईलैंड यात्रा पर जाएंगे

Update: 2025-03-29 04:43 GMT



प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 3 अप्रैल को थाईलैंड की 2 दिन की यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय में पूर्वी मामलों के सचिव जयदीप मजूमदार ने कल नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि 2016 और 2019 के बाद यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।


श्री मजूमदार ने कहा कि भारत और थाईलैंड के बीच सदियों से सभ्यतागत, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि थाईलैंड भारत का समुद्री पड़ोसी देश है। वह देश की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद प्रशांत क्षेत्र तथा बिम्‍सटेक में महत्‍वपूर्ण साझेदार है। थाइलैंड आसियान में तीसरी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है और सिंगापुर, इंडोनेशिया तथा मलेशिया के बाद आसियान क्षेत्र में भारत का चौथा बड़ा साझेदार है। श्री मजूमदार ने कहा कि दोनों देशों के बीच 15 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है, जिसमें भारत, थाईलैंड को लगभग 5 अरब डॉलर का निर्यात करता है और लगभग 10 अरब डॉलर का आयात करता है।


श्री मजूमदार ने कहा कि इस यात्रा से 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से सकारात्‍मक दिशा में बढ़ रहे आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करने का अवसर मिलेगा। यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री का थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने का कार्यक्रम है। दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करेंगे और भारत-थाईलैंड द्विपक्षीय साझेदारी को और अधिक गति देने के तरीकों पर चर्चा करेंगे तथा क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। उनकी मौजूदगी में दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्‍ताक्षर भी किए जाएंगे। आशा है कि प्रधानमंत्री थाईलैंड नरेश राम दशम और महारानी से भी भेंट करेंगे।



श्री मजूमदार ने कहा कि इस बार के बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का विषय है- "समृद्ध, लचीला और मुक्‍त बिम्सटेक"। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल के शिखर सम्मेलन से पहले बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय सम्मेलन और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में बैंकॉक विजन 2030 को स्‍वीकार किया जाएगा और बिम्सटेक के भविष्य की दिशा तय करने के लिए बिम्सटेक के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समूह की रिपोर्ट का भी अनुमोदन किया जाएगा।


श्री मजूमदार ने कहा कि बिम्सटेक में भारत का ध्यान संस्था और क्षमता निर्माण, सुरक्षा को मजबूत करने और संपर्क बढ़ाने पर है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में कई समझौते और घोषणाएं भी होने की संभावना है।



विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद, प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर 4 से 6 अप्रैल तक श्रीलंका की यात्रा पर रहेंगे। इससे पहले श्री दिसानायके पदभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे।

विदेश सचिव ने कहा कि इन यात्राओं से पता चलता है कि दोनों देश आपसी संबंधों को कितना महत्‍व देते हैं। प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद श्री मोदी की यह श्रीलंका की चौथी यात्रा होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत-श्रीलंका सबंध इतिहास, धर्म, संस्‍कृति और लोगों से लोगों के बीच सशक्‍त संबंधों की ठोस बुनियाद पर आधारित हैं। विदेश सचिव ने कहा कि श्रीलंका, भारत की पड़ोसी पहले नीति का अभिन्न अंग है और यह संबंध समय की कसौटी पर खरा उतरा है।

यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके के साथ चर्चा करेंगे। दोनों नेता श्रीलंका में भारतीय सहायता से बनाई जा रही कई परियोजनाओं को समर्पित करेंगे। वे ऊर्जा संपर्क, डिजिटलीकरण और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में कई समझौतों के आदान-प्रदान के भी साक्षी बनेंगे। दोनों नेता सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना के वर्चुअल शिलान्यास के अवसर पर भी उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री कोलंबो में अपने प्रवास के दौरान कई अन्‍य नेताओं से भी मिलेंगे।

राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके प्रधानमंत्री के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन करेंगे। 6 अप्रैल को दोनों नेता ऐतिहासिक शहर अनुराधापुरा जाएंगे और जया श्री महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। दोनों नेता अनुराधापुरा में भारत की सहायता वाली दो परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।

मछुआरों के मुद्दे पर विदेश सचिव ने कहा कि यह काफी समय से चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सभी स्तरों पर श्रीलंका के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में रहा है। उन्होंने कहा कि कोलंबो में भारतीय उच्‍चायोग और जाफना में स्थित वाणिज्य दूतावास इस मुद्दे को पर श्रीलंका सरकार के साथ निकट संपर्क में हैं।

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