प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आपसी और वैश्विक हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई। इसे लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने प्रधानमंत्री के इस दौरे की विस्तार से जानकारी दी है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर संयुक्त राज्य अमेरिका की एक बहुत ही सार्थक यात्रा पूरी की है। राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा है। यह यात्रा इस बात का संकेत है कि दोनों नेता भारत-अमेरिका संबंधों को कितनी प्राथमिकता देते हैं।
राष्ट्रीय खुफिया विभाग की नई नियुक्त निदेशक तुलसी गबार्ड ने पीएम मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी से मुलाकात की। व्हाइट हाउस में रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग, रक्षा, व्यापार और आर्थिक जुड़ाव, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा सुरक्षा और लोगों के बीच संपर्क से लेकर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों तक संबंधों के पूरे दायरे पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में दोनों नेताओं ने मिशन-500 की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य 2030 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक करके 500 बिलियन डॉलर करना है।
अवैध प्रवास के मुद्दे पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, अवैध प्रवास पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अपना रुख बहुत स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी भी देश में अवैध अप्रवासी भारतीय नागरिक साबित होते हैं, तो हम उन्हें वापस ले लेंगे। अवैध अप्रवासियों के बारे में कुछ करना दोनों देशों की जिम्मेदारी है। उन्होंने इन रैकेट के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से सहयोग मांगा।
विक्रम मिस्री ने आगे कहा कि दो देशों के बीच यथा संभव न्यूनतम ट्रैरिफ के आधार पर व्यापार विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि रक्षा सहयोग को भी प्रगाढ़ बनाने पर बात हुई है। विदेश सचिव ने बताया कि दोनों देशों ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।