अहंकार ने भाजपा को 241 सीटों पर रोक दिया

Update: 2024-06-14 08:09 GMT

लोकसभा चुनाव के नतीजे भले ही आ चुके हों, नई सरकार का गठन भी हो गया हो और मोदी 3.0 एक्शन मोड में भी हो, लेकिन अबतक चुनाव परिणामों पर बयानबाजियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. खास तौर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद तो मानो राजनीतिक दलों को एक मुद्दा मिल गया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन को लेकर अब विरोधियों के साथ-साथ आरएसएस की ओर से भी बड़े बयान सामने आ रहे हैं. मोहन भागवत के बयान के बाद अब आरएसएस सदस्य इंद्रेश कुमार के बयान ने सियासी हवा का रुख मोड़ दिया है. इंद्रेश कुमार ने लोकसभा चुनाव के नतीजों को राम राज्य का विधान बताया है.

आरएसएस के वरिष्ठ सदस्य इंद्रेशकुमार ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को प्रभु श्रीराम का इंसाफ बताया है. उन्होंने कहा है कि जिस पार्टी ने भक्ति की, लेकिन अहंकारी हो गई, उसे चुनाव में 241 सीट मिलीं, इसी तरह जिस गठबंधन ने ही राम का विरोध किया वह भी 234 पर सिमट गया. ये राम राज्य का विधान है.

यही नहीं इंद्रेश कुमार ने बीजेपी को लेकर कहा कि अहंकार किसी का भी नहीं टिका है तो फिर किसी राजनीतिक दल की क्या बिसात है. लोकतंत्र में राम राज्य का विधान देखिए राम की भक्ति तो की लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, सबसे बड़ी पार्टी बने जरूर लेकिन बहुमत नहीं मिला, जो वोट की ताकत मिलना चाहिए थी उस पर अहंकार की चोट भारी पड़ गई. आरएसएस की ओर से बीजेपी को अहंकारी दल बताने के बाद तो मानों विरोधी दलों को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया, लगातार कई दलों के नेता बीजेपी पर हमलावर हैं. ताजा बयान एनडीए की सहयोगी दल एनसीपी का है. पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा है कि महाराष्ट्र में एनसीपी ने 2 सीट पर चुनाव लड़ा और एक पर जीत हासिल की, लेकिन जिस यूपी को लेकर बीजेपी इतनी आश्वस्त थी वहां उसका बुरा हाल हुआ है. ये घमंड ही है जिसकी वजह से बीजेपी ने यूपी में इतनी कम सीट पर जीत दर्ज की है.

वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी आरएसएस-बीजेपी के चल रहे विवाद पर तंज कसा है. संजय राउत ने सवाल किया है कि क्या संघ के लोगों में हिम्मत है कि वह बीजेपी से बगावत कर सकें? बीजेपी में तो ऐसे कई लोग है जो आरएसएस से बगावत कर रहे हैं, जेपी नड्डा इसका बड़ा उदाहरण है जो सार्वजनिक रूप से यह कह चुके हैं कि अब बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं है. संजय राउत ने कहा कि इस तरह चुप बैठने से काम नहीं चलेगा?

कांग्रेस नेता उदित राज का दावा है कि आरएसएस-बीजेपी के बीच अब पहली वाली बात नहीं रही है. दोनों के रिश्ते लगातार बिगड़ रहे हैं. शुक्रवार को अपने बयान में उदित राज ने कहा कि बीजेपी ने आरएसएस को किनारे कर दिया है. पार्टी का दावा है कि उन्होंने 240 सीट अपने बूते पर जीती हैं. उन्हें अब आरएसएस की जरूरत नहीं है.

बता दें कि जेपी नड्डा के इस बयान के बाद से ही आरएसएस और बीजपी के तल्खियां बढ़ती दिख रही हैं. जेपी नड्डा ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सामाजिक संगठन है जबकि बीजेपी एक राजनीतिक दल है, हम आगे बढ़ चुके हैं. पहले से ज्यादा सक्षम हो गए हैं. ऐसे में अब आरएसएस की जरूरत पहली जितनी नहीं रह गई है.

नड्डा के इस बयान के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का भी बड़ा बयान सामने आया. उन्होंने साफ कहा कि अहंकार किसी का भी नहीं टिका है और दलों को इससे बचना चाहिए. काम करें देश हित में लेकिन कोई यह नहीं कहे ये काम मैंने किया है. चुनावी हार को लेकर भी आरएसएस ने बीजेपी पर निशाना साधा. 

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