हमारा संविधान हमारे लोकतांत्रित गणतंत्र की सुदूर आधारशिला :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
आज देश संविधान दिवस मना रहा है. आज की दे दिन 75 साल पहले भारत के संविधान को अंगीकार किया गया था. इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. इन्हीं में एक कार्यक्रम पुरानी संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित हो रहा है. जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्री और सांसद मौजूद हैं.
आज देश संविधान दिवस मना रहा है. आज की दे दिन 75 साल पहले भारत के संविधान को अंगीकार किया गया था. इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. इन्हीं में एक कार्यक्रम पुरानी संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित हो रहा है. जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जेपी धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्री और सांसद मौजूद हैं.
संविधान दिवस के मौके पर पुराने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपना संबोधन दिया. उनके बाद उपराष्ट्रपति जेपी धनखड़ ने सदन को संबोधित किया. अंत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. राष्ट्रपति के संबोधन के बाद उन्होंने सभी सदस्यों को संविधान की प्रस्तावना पढ़वाई.
संविधान दिवस के मौके पर उपराष्ट्रपति जेपी धनखड़ ने कहा कि, यह महत्वपूर्ण दिन एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है क्योंकि हम भारत द्वारा अपना संविधान अपनाने के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे गतिशील लोकतंत्र के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. हमारा राष्ट्र उल्लेखनीय आर्थिक विकास, मजबूत बुनियादी ढांचे, व्यापक डिजिटल अपनाने, सभी को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के साथ फलता-फूलता है. ये उपलब्धियां इस बात की पुष्टि करती हैं कि हमारे संविधान ने भारतीय लोकतंत्र को प्रभावी ढंग से कमजोर कर दिया है.