बचपन संवाददाता : प्रियांशी सिंह
राष्ट्रीय:- अपकमिंग डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर पर विवाद जारी है। जगह जगह पर फ़िल्म डायरेक्टर लीला मणिमेकलाई का विरोध हो रहा है लोग इनपर एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं और इनकीं गिरफ्तारी की मांग उठा रहे हैं। फ़िल्म को बैन करने की मांग उठी है गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि फ़िल्म के विवादित चित्र को हटाया जाए नहीं तो कार्यवाही होने में समय नहीं लगेगा। इस फ़िल्म के पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते हुए हाँथ में LGBT समुदाय का झंडा लिए दिखाया गया है। जहां एक ओर पूरा देश इस फ़िल्म का विरोध कर रहा है वही तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा मां काली पर दिए गए अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है ओर यह बयान इनके लिए काल बनता साबित हो रहा है। क्योंकि इनके बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस ने इनसे अपना पल्ला झाड़ लिया है ओर विपक्ष इनसे लगातार सवाल कर रहा है।
जाने क्यों महुआ का बयान बना उनके लिए काल:-
इस देश डाक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्माता लीला मणिमेकलाई का विरोध कर रहा है। वही इस बीच महुआ ने कहा कि उनकी कल्पना में देवी काली शराब पीते ओर मांस खाते हुए हैं। महुआ का यह बयान जैसे ही सामने आया उनकी पार्टी ने उनसे दूरी बना ली और वह विपक्ष के प्रहारों का सामना करने के लिए मैदान में अकेले रह गई। महुआ के इस बयान पर भाजपा की बीजेपी विंग ने प्रदर्शन किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग उठाई है। भाजपा कही न कही महुआ के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस पर प्रहार करना चाह रही है। लेकिन तृणमूल ने महुआ के बयान से खुद को अलग कर लिया है। तृणमूल का महुआ को अकेला छोड़ने के पीछे महज एक कारण यह दिखाई दे रहा है कि वह सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ को आँक रही है।
वही अगर हम बात करे कि महुआ का बयान उनके लिए काल क्यों बन रहा है। तो इस बयान के कारण कई लोग महुआ मोइत्रा के विरोध में एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं। लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और इस बयान के चलते उनका राजनीति करियर खतरे में है। वह जो भी कथन कह रही है उसमें उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि भाजपा उनके एक एक वाक्य पर उन्हें सावालो के कटघरे में उतार रही है। वही जिस पार्टी के लिए अभी तक महुआ मोइत्रा राजनीति में घमासान मचा रही थी वह अब उनसे ओर उनके बयान से दूरी बनाए हुए हैं।
जाने क्या था महुआ मोइत्रा का पूरा बयान:-
महुआ मोइत्रा ने बयान दिया था कि अगर आप भूटान और सिक्किम जाते हैं तो वहां लोग अपने आराध्य को प्रसाद के रूप में विस्की का भोग लगाते है। लेकिन अगर आप भारत मे आ जाते हैं तो यह ईशनिंदा का विषय बन जाता है। लेकिन लोगो को यह अधिकार है कि वह अपने भगवान की पूजा आराधना अपनी कल्पना के अनुसार करें। उन्होंने आगे कहा कि मेरे लिए काली मांस पीने वाली और शराब को स्वीकार करने वाली देवी है। आप तारापीठ जायेगे तो आप।वहां देखेंगे की साधु संत स्मोकिंग कर रहे हैं। जगह जगह पर आपको काली की पूजा करने वाले अलग अलग विचारों के लोग मिल जायेंगे। हिन्दू धर्म की होने के नाते मुझे यह अधिकार है कि मैं काली की कल्पना अपनीइच्छा के मुताबिक कर सकूं। क्योंकि यह मेरी आजादी है। उन्होंने कहा जिस प्रकार आप लोगो को शाकाहारी , सफेद वस्त्रों में ईश्वर की पूजा की आजादी है उसी प्रकार मुझे भी मांसाहारी देवी की पूजा करने की आजादी है।