आतंक के आका मेरी…., नापाक मंसूबो को कामयाब नहीं होने देंगे; कारगिल वॉर मेमोरियल से PM मोदी का पाकिस्तान को कड़ा संदेश

Update: 2024-07-26 07:59 GMT

25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कारगिल युद्ध स्मारक पर बहादुर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पीएम मोदी ने वॉर मेमोरियल पहुंचकर जवानों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने साल 1999 में भारत-पाकिस्तान की युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर जवानों को याद करते हुए पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए, उसे हमेशा मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा। वह आतंकवाद और प्रॉक्सी वॉर के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।’

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज मैं ऐसी जगह से बोल रहा हूं जहां आतंक के आका मेरी आवाज सीधे सुन सकते हैं, मैं आतंकवाद के इन संरक्षकों को बताना चाहता हूं कि उनके नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे। हमारे जवान पूरी ताकत से आतंकवाद को कुचलेंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पीएम मोदी ने आगे कहा,”आतंकवाद को हमारे जांबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। लद्दाख हो या फिर जम्मू-कश्मीर, विकास के सामने आ रही हर चुनौती को भारत परास्त करके ही रहेगा।”

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि कारगिल युद्ध के समय मैं एक सामान्य देशवासी के रूप में अपने सैनिकों के बीच था। आज जब मैं फिर कारगिल की धरती पर हूं, तो स्वाभाविक है कि वो स्मृतियां मेरे मन में ताजा हो गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज लद्दाख की ये महान धरती कारगिल विजय के 25 वर्ष पूरे होने की साक्षी बन रही है। कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर होते हैं। पीएम ने कारगिल युद्ध के दौरान वीर सैनिकों के अद्मय साहस को याद करते हुए कहा कि मुझे याद है कि किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर, इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया था।

पीएम ने अग्निपथ योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के जरिए देश ने इस महत्वपूर्ण सपने को एड्रेस किया है। अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना और सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है। साल 1999 के मई महीने में पाकिस्तान की ओर से कुछ घुसपैठिये भारत की धरती में घुस आए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले और एलओसी पर मई से जुलाई 1999 तक युद्ध चला।

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