भाजपा के वरिष्ठ नेता, देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर में आंदोलन करने वाले लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए । 96 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी की सेहत को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
खराब मौसम, ज्यादा ठंड और स्वास्थ्य के कारण उन्होंने अयोध्या दौरे के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख राम लाल और विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने आडवाणी के घर पहुंचकर उन्हें 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता दिया था।
बाद में विहिप नेता आलोक कुमार ने लालकृष्ण आडवाणी और उनके परिवार के साथ हुई बातचीत की जानकारी साझा करते हुए यह दावा किया था कि आडवाणी कार्यक्रम में शामिल होंगे और उन्होंने उनके परिवार को यह आश्वासन दिया है कि आडवाणी के स्वास्थ्य को देखते हुए उनके अयोध्या आगमन पर डॉक्टर और मेडिकल सुविधाओं सहित जिस-जिस व्यवस्था की आवश्यकता होगी और जो भी व्यवस्था वो करना चाहेंगे, वो सारी व्यवस्था की जाएगी।
हालांकि खराब मौसम, ज्यादा ठंड और उनके स्वास्थ्य के कारण अंतिम समय पर उनके अयोध्या दौरे के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है।
अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर प्रसन्नता जाहिर करते हुए आडवाणी ने अपने एक लेख में यह भी कहा था कि नियति ने भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले ही चुन लिया था।
आडवाणी ने राष्ट्र धर्म पत्रिका के विशेष अंक के लेख में राम मंदिर के लिए निकाले गए अपने रथ यात्रा को याद करते हुए कहा था कि रथ यात्रा को 33 साल पूरे हो रहे हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस पूरी रथ यात्रा के दौरान उनके साथ थे। उस समय नरेंद्र मोदी ज्यादा प्रसिद्ध नहीं थे, लेकिन उसी समय नियति ने उन्हें भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने के लिए चुन लिया था।
आडवाणी ने राम मंदिर के सपने को साकार करने और अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनाने के उनके संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए कहा था कि जब प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तो वह उस समय देश के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे।