भगवान राम का शासन संविधान निर्माताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भगवान राम का शासन संविधान निर्माताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 109वें को संबोधित करते हुए कहा, इसी संविधान की मूल प्रति के भाग तीन में भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि भाग तीन के आरंभ में ही हमारे संविधान निर्माताओं ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चित्रों को उचित स्थान दिया था।
पीएम ने कहा, प्रभु राम का शासन हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत था। इसीलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने 'देव से देश' की बात की थी, मैंने 'राम से राष्ट्र' की बात की थी। साथियों, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का अवसर देश के करोड़ों लोगों को एक सूत्र में बांधता हुआ नजर आ रहा है। सबकी भावनाएं एक हैं, सबकी भक्ति एक है... सबकी बातों में राम हैं, सबके दिल में राम हैं।
इस दौरान देश के कई लोगों ने श्री राम के चरणों में समर्पित करते हुए राम भजन गाए। 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने राम ज्योति जलाई और दिवाली मनाई। इस दौरान देश ने एकजुटता की शक्ति देखी, जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों का भी प्रमुख आधार है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, मैंने देश की जनता से मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक स्वच्छता अभियान चलाने का अनुरोध किया था। मुझे अच्छा लगा कि लाखों लोगों ने भक्तिभाव से जुड़कर अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की सफाई की। कई लोगों ने मुझे इससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियो भेजे हैं। ये भावना कम नहीं होनी चाहिए, ये मुहिम रुकनी नहीं चाहिए। सामूहिकता की यही शक्ति हमारे देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।