राष्ट्रपति का अभिभाषण : बोलीं-सरकार किसानों के हित में कर रही काम, लखपति दीदी अभियान चलाया; देश बनेगा तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण शुरू हो गया है। अभिभाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा- मैं 18वीं लोकसभा के सदस्यों को बधाई देती हूं। आप देश के मतदाताओं का विश्वास जीत कर आए हैं। ये सौभाग्य कम लोगों को मिलता है। मुझे आशा है आप इसे निभाएंगे।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3.20 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत के बाद से, किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक हस्तांतरित किए गए हैं। सरकार ने खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। आजकल भारत अपनी मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि प्रणाली में बदलाव कर रहा है दुनिया में तेजी से भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है।
राष्ट्रपति बोलीं- मेरी सरकार का मत है कि दुनिया में निवेशकों को आकर्षित करने स्वस्थ्य स्पर्धा हो। सदस्यगण रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के संकल्प ने भारत को सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। बीते सालों में हमने 100 साल की सबसे बड़ी आपातकालीन दशा देखी है। आज भारत अकेले ही दुनिया की ग्रोथ में 15 प्रतिशत का योगदान दे रही है। मेरी सरकार देश को दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनाने में लगी है।
उन्होंने कहा जीएसटी ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 2 लाख करोड़ का स्तर पार कर गया है। इससे राज्यों का भी विकास हुआ है। महिला सशक्तीकरण की नई शुरुआत की। नारी शक्ति वंदन अधिनियम की ताकत है। एक दशक में आर्थिक सामर्थ्य बढ़ा है। मेरी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने अभियान चलाया। इसके लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद ली जा रही है। नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप को ड्रोन दिए जा रहे हैं।
अब दंड की जगह न्याय को प्राथमिकता होगी। नए कानून से इस प्रक्रिया में तेजी आएगी। मेरी सरकार ने CAA के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। मैं इन लोगों के बेहतर भविष्य की कामना करती हूं। हाल ही में कुछ परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है। पहले भी कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हुईं, इसके लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। संसद ने भी इसके लिए कानून बनाया है।