जम्मू-कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 6,619 तीर्थयात्रियों का तीसरा जत्था रविवार को यहां से घाटी के लिए रवाना हुआ। इससे पहले शनिवार को 13 हजार से अधिक यात्रियों ने पवित्र गुफा में दर्शन किए थे। अधिकारियों ने बताया कि 6,619 यात्रियों का तीसरा जत्था रविवार सुबह 151 वाहनों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ।
उन्होंने कहा, “इनमें से 2,781 यात्री 3:50 बजे 151 वाहनों में सवार होकर बालटाल आधार शिविर के लिए और 3,838 यात्री 168 वाहनों में सवार होकर सुबह 4:42 बजे नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुए। दोनों काफिलों को सुरक्षा घेरे में रवाना किया गया।”
इस साल 52 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और 19 अगस्त को रक्षा बंधन के त्यौहार के साथ समाप्त होगी। यात्री 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम-गुफा तीर्थ मार्ग से या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल-गुफा तीर्थ मार्ग से यात्रा करते हैं।
पहलगाम मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग से जाने पर ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन वापस आधार शिविर लौट सकते हैं। समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा की कलाओं के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।
इस वर्ष लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर, दोनों यात्रा मार्गों पर, दोनों आधार शिविरों पर और गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं, ताकि यात्रा सुचारू और निर्बाध हो सके। दोनों मार्गों पर और पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से अधिक ‘लंगर’ लगाए गए हैं। इस वर्ष की यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक ‘सेवादार’ (स्वयंसेवक) यात्रियों की सेवा कर रहे हैं।
यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।