सुप्रीम कोर्ट ने बेसमेंट मामले में स्वत: संज्ञान लिया, कहा- कोचिंग सेंटर बने मौत के चेंबर
दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में 3 छात्रों की मौत के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्वत: संज्ञान लिया और केंद्र के साथ दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा।न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जवल भुइयां की खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली में हुई घटना सभी की आंखें खोलने वाली है।पीठ ने कहा कि कोचिंग सेंटर भवन निर्माण के नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके चल रहे हैं और मौत का चैंबर बन गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा, हम दिल्ली और केंद्र सरकार को सुरक्षा मानदंडों के दिशा-निर्देश जारी करने के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी कर रहे हैं। ये स्थान मौत के कक्ष बन गए हैं। आप देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले युवाओं की जान ले रहे हैं।कोर्ट ने सभी कोचिंग संस्थानों और केंद्रों को दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 के तहत एकीकृत भवन उपनियम, 2016 का पालन करने को कहा।
कोर्ट कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मुखर्जी नगर में कोचिंग संस्थानों के प्रसार पर हाई कोर्ट निर्देशों को चुनौती दी गई थी, क्योंकि वे सुरक्षा मानदंडों का पालन करने में विफल थे।कोर्ट ने फेडरेशन की याचिका खारिज कर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और उसे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन में जमा करने को कहा।कोर्ट ने सुझाव दिया कि जहां सुरक्षा नहीं वहां संस्थान ऑनलाइन कक्षाएं चलाएं।
27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में राउ आईएएस कोचिंग के बेसमेंट की लाइब्रेरी में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि तेज बारिश से इमारत पर लगा गेट टूट गया और पानी बेसमेंट में घुस गया।रस्सियों के सहारे 14 छात्रों को निकाल लिया गया था, लेकिन 3 को नहीं बचाया जा सका।पुलिस ने कोचिंग मालिक और समन्वयक को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच सीबीआई को दी गई है।