प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कोविड, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के बारे में अपने विचार रखे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसा कि दुनिया कोविड के बाद अनिश्चितता से जूझ रही है और आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रही है, पिछले दशक में स्थापित वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थान आज के मुद्दों से निपटने में कमजोर पड़ गए हैं.
बता दें कि भारत इस बार वर्चुअल प्रारूप में तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को एकसाथ मंच पर साझा करने के लिए ग्लोबल साउथ के देशों को एक साथ लाने की कवायद की जा रही है.
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 2022 में, जब भारत ने जी20 की अध्यक्षता संभाली, तो हमने जी20 को एक नई संरचना देने का संकल्प लिया. वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट एक ऐसा मंच बन गया, जहां हमने समस्याओं पर खुलकर चर्चा की और विकास से संबंधित प्राथमिकताएं, भारत ने ग्लोबल साउथ की आशाओं, आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं के आधार पर जी20 एजेंडा तैयार किया.
पीएम मोदी ने कहा कि, हमने जी20 को समावेशी और विकासोन्मुख दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाया. इसका सबसे बड़ा उदाहरण वह ऐतिहासिक क्षण था जब अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता मिली. प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्षों और अन्य चिंताओं के बीच वर्तमान में दुनियाभर में चल रही अनिश्चितता की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थान आज की चुनौतियों से निपटने में अक्षम रहे हैं.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज, हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब दुनिया भर में अनिश्चितता का माहौल है. दुनिया पूरी तरह से कोविड के प्रभाव से बाहर नहीं निकल पाई है. दूसरी ओर, युद्ध की स्थितियों ने हमारे विकास यात्रा के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना कर रहे हैं, और अब स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा की भी चुनौतियां सामने हैं.