प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांडला में बंदरगाह क्षेत्र में भारत के पहले हरित हाइड्रोजन संयंत्र के संचालन की सराहना की

Update: 2025-08-04 04:47 GMT

 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने गुजरात के कांडला में बंदरगाह क्षेत्र में भारत के पहले मेक-इन-इंडिया हरित हाइड्रोजन संयंत्र के चालू होने को स्थिरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण की यह परियोजना देश के नेट-ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में श्री मोदी ने कहा कि यह एक सराहनीय प्रयास है और हमारे नेट-ज़ीरो दृष्टिकोण को बल प्रदान करता है।



प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की मई, 2025 में भुज की यात्रा के दौरान 10 मेगावाट के हरित हाइड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखने के ठीक चार महीने बाद यह चालू हो गया। इसके साथ ही कांडला स्वदेशी हरित हाइड्रोजन सुविधा वाला पहला भारतीय बंदरगाह बन गया है, जो नवीकरणीय ऊर्जा और सतत बुनियादी ढाँचे में गुजरात की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।



इस संयंत्र का उद्घाटन केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। परियोजना के तीव्र क्रियान्वयन पर श्री सोनोवाल ने रिकॉर्ड समय में एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि हासिल करने के लिए डीपीए की प्रशंसा की। इस हरित हाइड्रोजन संयंत्र की स्थापना से भारत के समुद्री और लोजिस्टिक्स क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने तथा स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। यह कदम स्वदेशी तकनीक और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे में हरित नवाचार को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति के अनुरूप है। भारत का ध्‍यान 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और टिकाऊ औद्योगिक कार्य प्रणाली पर केंद्रित है।

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